जंग खा रही दो नयी एक्स-रे मशीन डीएमसीएच का एक्स-रे व्यवस्था चौपटदलालों के हवाले है मरीजदरभंगा. डीएमसीएच की एक्स-रे व्यवस्था चौपट है. करीब एक साल पूर्व 500 एमवीए की नयी दो मशीन आयी था, जिसमें जंग लग गई है. इमरजेंसी और शिशुरोग विभाग का एक्स-रे यूनिट पहले से ही दम तोड़ चुका है. रेडियोलॉजी विभाग का मुख्य एक्स-रे यूनिट कछुए की गति से चल रही है. उधर डीएमसीएच के मरीज एकमात्र सर्जिकल भवन के एक्स-रे यूनिट के भरोसे हैं. हरेक दिन ओपीडी के करीब 300 मरीजों को इसे कराने की सलाह दी जाती है. इस हालत में अधिकांश मरीजों का एक्स-रे नहीं हो पाता है. ऐसे मरीज प्रत्येक दिन इस जांच के लिए दलालों के हवाले होते हैं. हाल दो नये मशीनों काइमरजेंसी वार्ड की पुरानी मशीन ढाई साल पूर्व खराब हो गयी थी. इस वजह से इस वार्ड के यूनिट में ताले लटक गये. अस्पताल अधीक्षक के आदेश पर डेढ़ साल पूर्व दो नयी मशीनों की आपूर्ति हुई. इसमें एक मशीन का इंस्टालेशन बंद एक्स-रे यूनिट के सामने पीजी डॉक्टर्स के शयन कक्ष में हुआ. लेकिन कई तकनीकी कारणों से रेडियोलॉजी विभाग के एचओडी ने आपूर्तिकर्त्ता को क्लीन चिट नहीं दी और मशीन इन बंद कमरे में पड़ा हुआ है. साथ ही एक नया मशीन अभी तक भंडारगृह में है. यह दोनों नये मशीनों को जंग खा रही है. शिशु रोग का एक्स-रे यूनिट ठप यह करीब 6 माह से ठप है. नवजात शिशुओं का एक्स-रे मेन एक्स-रे में होता है जो 400 गज की दूरी पर है. सर्जिकल युनिट डीएमसीएच का एकलौता यूनिट है, जहां 24 घंटे मरीजों का एक्स-रे होता है. अधिक संख्या के कारण अब यहां भी मरीजों के इस जांच के लिए 10 से 20 दिनों तक का इंतजार के बाद आने का फरमान जारी होता है.
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जंग खा रही दो नयी एक्स-रे मशीन
जंग खा रही दो नयी एक्स-रे मशीन डीएमसीएच का एक्स-रे व्यवस्था चौपटदलालों के हवाले है मरीजदरभंगा. डीएमसीएच की एक्स-रे व्यवस्था चौपट है. करीब एक साल पूर्व 500 एमवीए की नयी दो मशीन आयी था, जिसमें जंग लग गई है. इमरजेंसी और शिशुरोग विभाग का एक्स-रे यूनिट पहले से ही दम तोड़ चुका है. रेडियोलॉजी विभाग […]
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