शिक्षक नहीं तो कैसे होगा सिलेबस पूरा 22 विषय में से 11 विषय के ही है शिक्षकभौतिकी, जीव विज्ञान व अंग्रेजी तक के नहीं है शिक्षकइंटर परीक्षार्थियों का दर्दफोटो- 1 से 14 तकपरिचय- 1-9 तक छात्रों की तस्वीर नाम के साथ एवं 10-13 तक शिक्षकों और 14 में स्कूल के प्रधानाध्यापक की तस्वीरप्रतिनिधि, दरभंगा ट्यूशन नहीं पढ़ेंगे तो कैसे होगी तैयारी पूरी. यह पीड़ा उन छात्रों की है, जिन्हें आगामी इंटर की परीक्षा देना है. कई विषयों के शिक्षकों का अभाव झेल रहे प्लस टू सर्वोच्च उच्च विद्यालय के विद्यार्थियों का दर्द इस बात से समझा जा सकता है कि उनके विद्यालय में भौतिकी, अंग्रेजी, जीव विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों तक के शिक्षक पदस्थापित नहीं हैं. हालांकि शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक का दावा है कि अन्य संबंधित विषयों अथवा माध्यमिक शिक्षकों से इसकी भरपाई की जा रही है तथा विशेष कक्षा का आयोजन कर किया जा रहा है. लेकिन उच्च माध्यमिक कक्षाओं के लिए पूर्ण कालिक शिक्षक के अभाव में कैसी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही होगी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं होगा.गंगासागर स्थित प्लस टू सर्वोदय उच्च विद्यालय में इंटर के विभिन्न संकायों में 125 विद्यार्थी नामांकित है. इस विद्यालय क ो वर्त्तमान सत्र में प्लस टू की मान्यता मिली है. इसके बाद से 22 विषयों में से मात्र 11 विषयों के शिक्षक पदस्थापित हैं. इस विद्यालय को पर्याप्त नहीं होने के कारण प्रयोगशाला एवं लाइब्रेरी की सुविधा में विद्यार्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है.इस स्कूल के विज्ञापन संकाय की छात्रा शिवानी व जाकिया ईमाम का कहना है कि विद्यालय में भौतिकी एवं जीव विज्ञान के शिक्षक नहीं होने के कारण उनकी निर्भरता ट्यूशन पर है. हालांकि इनका कहना है कि स्कूल प्रबंधन इसकी भरपाई अन्य शिक्षकों से करने का किया जा रहा है. इसी प्रकार का दर्द गणित संकाय के छात्र कल्याणी, रंजन कुमार, विशाल कुमार आनंद, शिव शंकर शर्मा, हरिनंदन ठाकुर का है. उन्हें भौतिकी के साथ गणित विषय की पढ़ाई स्कूल से पूरा नहीं हो पा रहा है. वहीं वाणिज्य के छात्र नवीन कुमार यादव, जयकिशोर मंडल को भी कई उप विषयों के शिक्षकों का अभाव खटकता है.अतिरिक्त कक्षाओं से सिलेबस पूरा करने का चल रहा प्रयासशिक्षकों की रायदरभंगा : प्लस टू सर्वोदय उच्च विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि कई विषयों के पढ़ाई की भरपाई का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए माध्यमिक शिक्षकों को भी कक्षा संचालन की जिम्मेवारी दी जाती है. गणित के शिक्षक डा. आनंद झा का कहना है कि वे अपने विषय का सिलेबस पूरा कर चुके हैं. अर्थशास्त्र के शिक्षक संगीत कुमार मिश्र कहतेे हैं कि वे वाणिज्य विषयों के कई टॉपिक का भी कक्षा लेकर विद्यार्थियों को यथासंभव भरपाई का प्रयास कर रहे हैं. एकाउंट के शिक्षक विजय कुमार यादव का कुछ ऐसे ही विचार है. जबकि उर्दू विषय की शिक्षिका शगुफ्ता शाहीन 48 दिनों के अतिरिक्त कक्षा संचालन कर पढ़ाई पूरी करने की बात करती है.कहते हैं प्रधानाध्यापक विद्यालय के प्रधानाध्यापक डा. जगदीश प्रसाद गुप्ता का कहना है कि भवन एवं विभिन्न विषयों के शिक्षकों की कमी से ऐसी स्थिति है. इसके बावजूद रोस्टर बनाकर अतिरिक्त कक्षा चलाकर माध्यमिक शिक्षकों से भी सिलेबस पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है.
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शक्षिक नहीं तो कैसे होगा सिलेबस पूरा
शिक्षक नहीं तो कैसे होगा सिलेबस पूरा 22 विषय में से 11 विषय के ही है शिक्षकभौतिकी, जीव विज्ञान व अंग्रेजी तक के नहीं है शिक्षकइंटर परीक्षार्थियों का दर्दफोटो- 1 से 14 तकपरिचय- 1-9 तक छात्रों की तस्वीर नाम के साथ एवं 10-13 तक शिक्षकों और 14 में स्कूल के प्रधानाध्यापक की तस्वीरप्रतिनिधि, दरभंगा ट्यूशन […]
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