बेनीपुर : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सरकार भले ही कितना भी प्रयास कर ले, पर स्थानीय प्रशासन एवं शिक्षकों की उदासीनता से प्रखंड की शिक्षा व्यवस्था की हवा निकाल रही है. प्रखंड के अधिकांश विद्यालयों में मध्याह्न भोजन के साथ ही गुम हो जाता है बच्चों की उपस्थिति.
यानी कुल मिलाकर आधे बेला का ही हो रहा है विद्यालय संचालन कार्य. गुरुवार को दिन के 1.50 बजे हैं. अनुमंडल मुख्यालय के मध्य विद्यालय हटिया गाछी में सन्नाटा पसरा है. कुछ शिक्षक-शिक्षिका इधर-उधर बैठ बातचीत में मशगूल थे. रसोइया बरामदा की सफाई कर रही थी. प्रधानाध्यापक नुरूल होदा ने बताया कि अभी ही बच्चे सब मध्याह्न भोजन के बाद चला गया है.
कहने के लिए उक्त विद्यालय में 611 बच्चे नामांकित हैं, उपस्थिति पंजी के अनुसार 332 उपस्थित भी है. 14 शिक्षकों में आठ की उपस्थिति बनी थी तो 6 में एक प्रतिनियोजन पर तो पांच को अन्य अवकाश में रहने की बात कही. अनुमंडल कार्यालय से महज चंद दूरी पर मुख्य सड़क अवस्थित मध्य विद्यालय नंदापट्टी में 2.10 बजे मात्र 22 बच्चे खेल रहे थे,
जबकि 130 बच्चों की उपस्थिति बना था. प्रधानाध्यापक अमरेंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि मध्याह्न भोजन के बाद बच्चे भाग जाते हैं तो मैं क्या करूं. यही स्थिति दिखा प्राथमिक विद्यालय रघुनंदनपुर कन्या का जहां एक छत के नीचे एक साथ तीन विद्यालय चल रहे हैं. दिन के 2.25 बज रहे हैं. प्रधानाध्यापिका सुभद्रा कुमारी एक शिक्षक के साथ बरामदे पर बैठी विद्यालय के कागजी प्रक्रिया में लगी हुई थी. अधिकांश बच्चे चले गये थे.
कुछ विद्यालय के बाहर-अंदर खेल रहे थे. आठ में चार शिक्षक उपस्थित थे पर अभी तक बच्चे की उपस्थिति भी नहीं बनी थी. वहीं प्राथमिक विद्यालय भेरियाही टोला के छात्रों की उपस्थिति नहीं बनी थी पर बच्चों की उपस्थिति दिखा तीन शिक्षकों मेंं दो विद्यालय में थे जबकि एक शिक्षक अताउल रहमान उपस्थिति बनाकर गायब थे.
प्रधानाध्यापिका रेणु कुमारी ने बताया कि भवन के अभाव में भेरियाही एवं चमरूपट्टी विद्यालय को यहां टैग किया गया पर किचेन के अभाव में खुले में मध्याह्न भोजन बनाया जाता है, इसके लिए कई बार बीइओ को लिखा गया है. यह आलम अनुमंडल मुख्यालय स्थित विभिन्न प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों की है. इसीसे अनुमान लगाया जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों के बच्चों को किस तरह की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिया जाता होगा.