ठंड में भी किसानों को बीज के लिए छूट रहे पसीने कुशेश्वरस्थान-प्रखण्ड क्षेत्र के किसानों को रबी फसल की खेती में खाद बीज की किल्लतों से ठंड के मौसम में पसीने छूट रहे हैं.आखिर ऐसा होना तो किसानों के लिये लाजमी हैं. सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न किसानों के लिये बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण एकमात्र रबी फसल पर ही निर्भर रहना पड़ता है.जबकि रबी फसल गेहूं बुआई का अंतिम समय 15 नवंबर से 15 दिसम्बर तक ही है.अब किसानों के समक्ष गेहूं बोने का समय पन्द्रह दिन ही बचा है. ऐसे में खाद बीज की किल्लतों से किसानो की नींद जहॉ हराम है. वहीं प्रखण्ड कृषि विभाग के मुलाजिम अपने कर्तव्यों के निर्वहन से से दूर कूंभकर्णी निद्रा में सोये है. किसान कालाबाजारी से ऊंची कीमतों पर गुणवताविहीन बीज,खाद खरीदकर बोने को मजबूर हैं. पूर्व बीस सूत्री अध्यक्ष बाबूकान्त चौधरी ने बताया सरकार के द्वारा प्रखण्ड को मुहैया करायी गयी अनुदानित बीज की जानकारी तक किसानों को नहीं दी गयी. सभी बीजों का वारा न्यारा कृषि विभाग के प्रखण्ड प्रभारी एवं विभाग के मुलाजिमों द्वारा किये जाने का आरोप भी श्री चौधरी,किसान कामेश्वर मुखिया,मो.वाजीद सहित अन्य ने लगाया. जबकि सरकार किसानों के लिए उन्नत प्रभेद का बीज, खाद के लिये पूर्व से ही सभी प्रखण्डों में आपूर्ति कर रखी है. परन्तु प्रखण्ड प्रशासन की लापरवाही के कारण किसानों की नींद हराम है. वहीं प्रखण्ड के कृषि विभाग से जुड़े मुलाजिम व लाईसेंसी खाद बीज दुकानदार किसानों को लूटने में लगे है .
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ठंड में भी किसानों को बीज के लिए छूट रहे पसीने
ठंड में भी किसानों को बीज के लिए छूट रहे पसीने कुशेश्वरस्थान-प्रखण्ड क्षेत्र के किसानों को रबी फसल की खेती में खाद बीज की किल्लतों से ठंड के मौसम में पसीने छूट रहे हैं.आखिर ऐसा होना तो किसानों के लिये लाजमी हैं. सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न किसानों के लिये बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण […]
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