दरभंगा : भूकंप के हाई सिस्मिक जोन मंे भूकंपरोधी भवन ही बनेंगे. सरकारी एवं निजी भवनों के निर्माण में इसे सख्ती से अनुपालन पर सरकार गंभीर है तथा शहरों में इसका शीघ्र अनुपालन शुरु किया जायेगा. नगर विकास एवं आवास विभाग के तत्वावधान मं पटना स्थित सिचाई भवन में अभियंताओं को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया.
जिसमें नव निर्मित भवनों को भूकंपरोधी बनाने तथा पुराने भवनों को भूकंपरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए रेट्रो फिटिंग सहित कई प्रक्रिया बताये गये. पुराने भवन मंे रेट्रो फिटिंग से होगी मरम्मतप्रशिक्षण से लौटे निगम के कनीय अभियंताओं ने बताया कि दो दिवसीय शिविर में पद्म श्री आनंद एस आर्या, मिथिलेश कुमार, दीपू आहुजा एवं वरुण कांत मिश्रा ने प्रशिक्षण दिया.
इनमें भूगर्भशास्त्री, आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी थे. प्रशिक्षण शिविर में अभियंताओं को बताया गया कि भूकंप के हाई सिस्मिक जोन में मल्टीस्टोरीज बिल्डिंग निर्माण के लिए मिट्टी की जांच, पीलर, फाल्स सिलिंग एवं आरसीसी की विधि की जानकारी दी गयी.
विशेषज्ञों ने बताया कि पुराने भवनों को भूकंप रोधी बनाने के लिए रेट्रो फि टिंग की जा सक ती है. इससे मकान में भूकंप रोधी क्षमता बढ जाती है.सरकारी भवनों के गुणवत्ता की होगी जांचहाल के वर्षों में भूकंप के कई झटकों के बाद सरकारी भवनों के गुणवत्ता की भी जांच करायी जायेगी. इसमें स्कूल-कॉलेज के भवनों को प्राथमिकता दी जायेगी.
गुणवत्ता जांच के क्रम में जिन स्कूल-कॉलेज के भवनों को अधिक (50 प्रतिशत) जर्जर माना जायेगा, उनके अधिकारियों क ो शीघ्र रेट्रो फिटिंग से मरम्मत के निर्देश दिये जायेंगे. इसी तरह निर्माणाधीन भवन के दौरान यदि व्यक्तिगत स्तर पर भी कोई परामर्श मांगेंगे. तो नगर आयुक्त के निर्देश पर उन्हें समुचित जानकारी दी जायेगी.