दरभंगा : प्रमंडलीय मुख्यालय दरभंगा में प्रवेश करते ही सड़कों के किनारे जहां तहां जमा कचरे के ढेर एवं उससे निकल रही सड़ांध बदबू लोगों को यहां कि कचरा प्रबंधन की वस्तुस्थिति से रूबरू करा देता है. यह स्थिति दो चार महीने से नहीं बल्कि वर्षों से है. कचरा उठाव करने वाले ट्रैक्टर चालक अपनी चतुरता से सड़क किनारे सुनसान देख कचरा गिराकर चल देता है.
यह स्थिति एनएच 57 के दिल्ली मोड़, लहेरियासराय-समस्तीपुर पथ में भीगो एवं लहेरियासराय-बहेड़ी पथ में खराजपुर के निकट है. इसके अलावा भी शहर से बाहर जानेवाली शायद ही कोई ऐसी सड़क हो जहां उसके दोनों ओर कचरा का ढेर जमा नहीं हो.
प्रतिदिन 100 टेलर कचरा का हो रहा उठावनगर निगम क्षेत्र के 48 वार्डों के अलावा प्रधान मुख्य सड़कें एवं मुख्य सड़कों से कचरा उठाव के लिए नगर निगम की 8 गाडि़यां व भाड़े की 14 गाड़ियां है. इन वाहनों को प्रतिदिन कम से कम 4 टेलर कचरा उठाव करने के निर्देश हैं. ऐसी स्थिति में प्रतिदिन 100 टेलर कचरा जहां गिराये जाते है.
उन इलाकों को वातावरण किस रुप में प्रदूषित होगा यह स्वत: अनुमान लगाया जा सकता है. नाम नहीं छापने की शर्त्त पर कई ट्रैक्टर चालकों ने बताया कि स्थानीय लोगों के विरोध के कारण लोगों से नजरे बचाकर ही कचरा गिराते हैं. क्योंकि इसके कारण कई ट्रैक्टर चालकों को स्थानीय लोग जलील कर चुके हैं.
दस वर्षों में नहीं खरीदी गयी टंचिंग ग्राउंड की जमीनकरीब 10 वर्ष पूर्व राज्य सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग ने टंचिंग ग्राउंड के लिए जमीन खरीदने को 50 लाख रुपये दी थी. तब से वह राशि बैंक की शोभा बढ़ा रही है. इस बीच कई बार निगम बोर्ड की बैठक में टंचिंग ग्राउंड के अभाव में हो रही कठिनाइयों पर पार्षदों ने चर्चा की.
तो शीघ्र ही इसे पूरा करने का आश्वासन दिया गया, पर अबतक इस दिशा में सफलता नहीं मिली है.क्या कहते हैं अधिकारीसॉलिड वेस्ट मैनेजमेंंट को अक्षरश: लागू करने के सभी प्रयास जारी है. इसी के तहत टंचिंग ग्राउंड के लिए भी कई प्लाटों को भी देखा गया है. शीघ्र ही महापौर से विमर्श कर उस पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा. नागेंद्र कुमार सिंहनगर आयुक्त दरभंगा