दरभंगा : दीपावली दीपों का त्योहार है. दीप प्रकाश बिखेरता है. इससे अंधेरा दूर भागता है. यह अंधेरा हमारे जीवन के हर स्तर पर एवं हर जगह है. हमारे तन-मन में है. हमारे गांव में, समाज में है.ऐसे में हमें दीपावली के दिन सिर्फ दीप ही नहीं जलाना चाहिए बल्कि इस दिवाली पर अपने जिले को सुखी समृद्ध बनाने का संकल्प भी लेना चाहिए. हम ऐसा दीप जलायें, जिससे पूरा जिला जगमग हो. सबों को उसका प्रकाश मिले. सबों को उसका फायदा मिले. पहल, हम सबों को करना है.
यह पहल हो सकती है, इको फ्रैंडली दिवाली मनाकर. भले ही हम पांच दीप ही क्यों न जलायें पर केरोसिन का इस्तेमाल न करें. यह संकल्प लें. मिट्टी के दीये में घी का दीप जलायें. इसकी रौशन न सिर्फ आपको बल्कि आपके गांव एवं समाज को भी आलोकित करेगी. वर्तमान एवं आने वाली पीढ़ी को भी आलोकित करेगी.पर्यावरण को सुरक्षा देगी. दूसरा संकल्प लें कि हम आतिशबाजी न करेंगे. आतिशबाजी करने से जहां पैसे की बर्बादी होती है,
वहीं पटाखे से निकलने वाले धुएं से हमारा वातावरण भी दूषित होता है. पटाखे की तेज आवाज से वृद्ध, बच्चे एवं बीमार को कितनी परेशानी होती होगी, शायद आप इसकी कल्पना कर सकते हैं. आपके घर में भी बच्चे, बूढें एवं बीमार हो सकते हैं. कम से कम उनके लिए ही सही,आप ऐसा करें. अपने बच्चों को समझायें.
यदि बच्चे फिर भी न मानें तो उसे ऐसे पटाखें दें जिससे दूसरों को परेशानी न हो. जिससे पर्यावरण पर खास असर न पड़ सके. तीसरा संकल्प लें कि हम उन घरों को आलोकित करेंगे जिसके घर में दीया नहीं जलता. जो गरीब है. असहाय हैं.उनके घर में भी दिवाली मनें, इसमें सहयोग करें. तभी आपको दिवाली की असली खुशी मिलेगी.