घरों को चमकाने का हो रहा प्रयास कबाड़ियों की कट रही चाँदी कमतौल . 11 नवंबर को मनाया जाने वाले दीपावली पर्व को लेकर घरों को चमकाने का हरसंभव प्रयास चल रहा है. रंग-रोगन का कार्य भी काफी जोरों पर है. वहीं घरों से इन दिनों भारी मात्रा में, कबाड़ में बेचे जाने वाले सामान भी निकल रहे हैं. इसकी खरीदारी के लिए सुबह से ही घर पर खरीदारों की आवाज आने लगती हैं. लोग भी कबाड़ को झटपट बेच देना चाहते हैं. ताकि इससे छूटकारा मिल सके. बहरहाल लोग रद्दी कागज, प्लास्टिक के सामान,शीशा, टीन, लोहा और एल्यूमिनियम से बने पुराने सामान औने-पौने दाम पर बेच रहे हैं. इससे इन कबाड़ वालों की चांदी कट रही है. बॉक्स में————-बच्चों ने लिया आतिशबाजी से दूर रहने का संकल्प कमतौल ़ आमतौर पर दुर्गापूजा के बाद से ही दीपावली पर्व को लेकर बच्चों में उत्साह देखा जाता है. खासकर दीप जलाने व आतिशबाजी को लेकर बच्चे कई दिन पूर्व से ही इसकी तैयारी में जुट जाते हैं. नये कपड़े के साथ पटाखा खरीदने की जिद करने लगते हैं. लेकिन पटाखों से होने वाले नुकसान को देखते हुए अनेकों बच्चों ने दीपावली पर आतिशबाजी से दूर रहने का संकल्प दोहराया.*आतिशबाजी से दूर रहूँगा. पटाखे पर होने वाले खर्च के पैसे से पठन-पाठन का सामान खरीदूंगा. आतिशबाजी नहीं करने का संकल्प लेता हूँ. कुमार आदित्य, छात्र कक्षा -2* आतिशबाजी से डर लगता है. दोस्तों को भी आतिशबाजी से दूर रहने की सलाह देता हूं. किसी भी हाल में आतिशबाजी नहीं करूंगा. कुमार आकाश, छात्र कक्षा – 3 * आतिशबाजी के नामपर मात्र फुलझड़ी जलाउंगा. पटाखे पर खर्च होने वाले रूपयों से मिठाइयां खरीद कर गरीब बच्चों के बीच बाटूंगा. फोटो- आंचल, छात्रा कक्षा- 8 * आतिशबाजी से पैसे का नुकसान होता है. पर्यावरण प्रदूषित होता है. दीपावली पर आतिशबाजी नहीं करने का संकल्प लेती हूँ. अन्य को भी आतिशबाजी से दूर रहने की सलाह देता हूँ. रिया, छात्र कक्षा- 8 बॉक्स में………..फोटो– स्वच्छ रहने का लें संकल्प कमतौल . दीपावली पर लोगों घरों की सफाई के साथ अपने मुहल्ले की सफाई व स्वच्छता का संकल्प लेने की जरूरत है. जाहिर है दीपावली पर घरों से बड़ी मात्रा में गंदगी निकलती है. जिसे सरेआम सड़क किनारे फेंक दिया जाता है. जो पर्यावरण को प्रदूषित करने के साथ गांव-शहर की सुंदरता पर प्रश्न चिह्न खड़ा करता है. ऐसे में हरेक लोगों को घर से निकलने वाले कूड़े को यत्र-तत्र नहीं निर्धारित स्थान पर ही डालना चाहिए. कमतौल बाजार स्थित भगत सिंह चौक के समीप फेंके गये सड़े-गले कूड़े की बदबू ने आमलोगों को नाक में दम कर रखा है. गांव में भी कई स्थानों पर यही स्थिति देखी जा सकती है. इसकी सफाई के प्रति लोग उदासीन नजर आ रहे हैं. इससे मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ जाता है. जिससे कई प्रकार के मच्छर जनित बीमारियों की आशंका से लोग सशंकित रहने को विवश हैं.प बॉक्स में…………….* पर्यावरण संरक्षण जरूरीकमतौल . दीपावली पर आतिशबाजी की गूंज व इससे निकलने वाले धुंआ तथा केरोसिन युक्त दीया के धुंआ से पर्यावरण को सीधा नुकसान पहुंचता है. इससे बचने की जरूरत है. जाहिर है सरसों या तिल तेल युक्त दीया जलाने से धुंआ के प्रदूषण से बचा जा सकता है. आतिशबाजी से भी पर्यावरण को काफी नुकसान होता है. बहरहाल पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से पौधरोपण करना चाहिए. इसके संरक्षण की दिशा में हमें आगे बढ़ना चाहिए.* आतिशबाजी से निकलने वाली धुंआ प्रदूषण से जहर फैल रहा है. आतिशबाजी से दूर रहना चाहिए. प्रकाश गुप्ता, शिक्षककेरोसिन के दीप और आतिशबाजी से निकलने वाली धुंआ से होने वाले वायु प्रदूषण से संरक्षण के लिए पौधरोपण होना चाहिए. विधान चंद्र ठाकुरपर्यावरण संरक्षण की दिशा में पौधरोपण अभियान काफी सराहनीय है. हरेक बच्चों को आतिशबाजी के बदले पौधे लगाने चाहिए.श्यामानन्द चौधरी दीपावली पर पौधरोपण पर्यावरण की पूजा के समान है. लोगों को खासकर बच्चों को आतिशबाजी से दूर रहने की जरूरत है. अनीता कुमारी, शिक्षिका
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घरों को चमकाने का हो रहा प्रयास
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