दरभंगा : जिला कल्याण विभाग में ढाई करोड़ का घपला का मामला सामने आया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम कुमार रवि ने तत्परता दिखाते हुए आरोपित नाजिर पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है. मामला जिला कल्याण विभाग से वितरित किये जाने वाले दलित, महादलित और ओबीसी छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति का है. इस ढाई करोड़ के गबन की गूंज पूरे दिन महकमों में होती रही. सूचना के मुताबिक जिला कल्याण पदाधिकारी के कार्यालय से वित्तीय वर्ष 2013-14 तथा 2014-15 में प्राप्त राशि का हिसाब किताब नहीं मिल रहा है.
न तो कैश बुक अपडेट है और न ही नजारत का प्रभार दिया जा रहा है. तत्कालीन नाजिर सागर कुमार राय ने अपने मन मुताबिक राशि की निकासी की और मर्जी से खर्च किया. अधिकारियों को भी बरगला कर रखा और अपनी मर्जी चलायी. इस कार्य में उनके सहयोगी बने कार्यालय के प्रधान सहायक दोनों ने दोनों वित्तीय वर्ष के दौरान करीब ढाई करोड़ रुपये की घपले बाजी की. इसी बीच अगस्त माह में तत्कालीन नाजिर का तबादला हाजीपुर हो गया.
उसने बिना नजारत का प्रभार सौंपे ही अपना विरमण करा लिया और हाजीपुर में योगदान कर लिया. बाद में वह पुन: दरभंगा प्रमंडलीय कार्यालय में स्थानांतरण करा लिया. बावजूद सूचना के उन्होंने प्रभार नहीं दिया. इसी बीच कुछ दिन पूर्व भारतीय स्टेट बैंक की दरभंगा शाखा मेंं विभाग का 19 लाख का चेक भुगतान को गया. बैंक वाले ने जिला कल्याण पदाधिकारी से भुगतान के बारे में पूछा तो उन्होंने इनकार किया, तब वरीय अधिकारी जागे और किसी भी भुगतान पर रोक लगा दी. मामले की सूचना डीएम को दी गयी. डीएम ने तत्काल नजारत को सील कराकर, मामले के प्रथम दृष्टया दोषी नाजिर पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश जिला कल्याण पदाधिकारी को दिया. समाचार लिखे जाने तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है.
लहेरियासराय थानाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह सेे इस बावत पूछे जाने पर बताया कि आवेदन प्राप्त हुआ है. प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है .मालूम हो कि इसके पूर्व भी जिला कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति में घपलेबाजी उजागर हुई थी. जिसमें जाले एवं कमतौल के कॉलेज के छात्रों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर राशि का उठाव किया गया था. इस मामले की जांच अबतक पूरी नहीं हुई है.