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मनोवांछित फल देती हैं मां कामेश्वरी श्यामा

मनोवांछित फल देती हैं मां कामेश्वरी श्यामा महाराज के चिता पर अवस्थित है यह मंदिर फोटो संख्या- 24परिचय- मां कामेश्वर श्यामा मंदिर की तसवीर दरभंगा : बिहार की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक शहर दरभंगा राज के माधवेश्वर परिसर स्थित कामेश्वर श्यामा भक्तों को इच्छित फल देने के लिए मजबूर हैं. जो भक्त इनके दरबार में श्रद्धापूर्वक […]

मनोवांछित फल देती हैं मां कामेश्वरी श्यामा महाराज के चिता पर अवस्थित है यह मंदिर फोटो संख्या- 24परिचय- मां कामेश्वर श्यामा मंदिर की तसवीर दरभंगा : बिहार की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक शहर दरभंगा राज के माधवेश्वर परिसर स्थित कामेश्वर श्यामा भक्तों को इच्छित फल देने के लिए मजबूर हैं. जो भक्त इनके दरबार में श्रद्धापूर्वक माथा टेकता है, वह खाली हाथ नहीं लौटता,ऐसी मान्यता है. महाराज कामेश्वर सिंह के चिता पर स्थित यह मंदिर माधवेश्वर के तालाब के दक्षिण-पश्चिम कोने में अवस्थित है. इस मंदिर का निर्माण 1972 में महारानी राजलक्ष्मी द्वारा हुआ. इस मंदिर में तंत्रोक्त विधि से भगवती की पूजा करने का विधान है. मंदिर के गर्भगृह में शिव के शवासन पर मां श्यामा का भव्य मूर्ति विराजमान है. वहीं दायें बगल महाकाल, बांये गणेश व कार्तिक की मूर्ति स्थापित है. स्थापित मां की मूर्ति तत्कालीन महारानी द्वारा जयपुर से लाया गया था. जिसमें अद्वितीय कलाकृति दिख रही है. प्रत्येक दिन 4 बजे प्रात: मां का पट दर्शनार्थियों के लिए खुलता है. प्रात: पट खुलते ही मंगल आरती करने की परंपरा है. फिर प्रात: 9 बजे भगवती की पूजा आरती तंत्रोक्त विधि से की जाती है. 1 से 3 बजे तक मंदिर का पट बंद हो जाता है. फिर 3 बजे पट खुलता है, जहां दर्शनार्थियों की भीड़ होती है. 9 बजे रात्रि में मां की पूजा-अर्चना व भोग लगाया जाता है. फिर 10 बजे मंदिर का पट बंद होता है. मां कामेश्वरी श्यामा को नवरात्रा के सप्तमी, अष्टमी व नवमी को बलिप्रदान दी जाती है. वहीं अष्टमी के 10.30 बजे रात्रि से 2 बजे तक निशा पूजा का विधान है. प्रधान पुजारी पंडित लक्ष्मीनाथ मिश्र बताते हैं कि मंदिर का देखरेख व समस्त व्यवस्था कामेश्वर सिंह धार्मिक न्यास समिति द्वारा किया जाता है. मां कामेश्वरी श्यामा का महिला बखान करते कहते हैं कि सच्चे मन से जो इनके दरबार में समर्पण करता है, उसे मां का अक्षय आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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