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हम भारत के मतदाता हैं, भारत भाग्य बनाते हैं…

हम भारत के मतदाता हैं, भारत भाग्य बनाते हैं… सुदूर इलाकों में भी गूंज रहे मतदाता जागरूकता के गीत जिले को मिली एक और उपलब्धि दिवाकर रचित गीतों को आयोग ने दी मान्यताफोटो- नाम से तस्वीरपरिचय. गीतकार सह वरीय उपसमाहर्त्ता रवींद्र कुमार दिवाकरदरभंगा . ” हम भारत के मतदाता हैं, भारत भाग्य बनाते हैं, वोट […]

हम भारत के मतदाता हैं, भारत भाग्य बनाते हैं… सुदूर इलाकों में भी गूंज रहे मतदाता जागरूकता के गीत जिले को मिली एक और उपलब्धि दिवाकर रचित गीतों को आयोग ने दी मान्यताफोटो- नाम से तस्वीरपरिचय. गीतकार सह वरीय उपसमाहर्त्ता रवींद्र कुमार दिवाकरदरभंगा . ” हम भारत के मतदाता हैं, भारत भाग्य बनाते हैं, वोट करेंगे लोकतंत्र हित, कसम आज हम खाते हैं”. मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए बजाये जा रहे इन गीतों की अनुगूंज से समूचा इलाका जागृत हो रहा है. इन गीतों का प्रयोग बिहार के कई हिस्सों में मतदाता जागरूकता अभियान के दौरान उपयोग किये जाने से वोटरों को जागृत करने में मदद मिल रही है. यूं तो मिथिलांचल में प्रतिभाओं की कमी नहीं. आये दिन विभिन्न विधाओं में अपना परचम लहराने वाले लोग क्षितिज को छूने का प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में मिथिलांचल के मांटी की सौंधी खुशबू लिये मतदान के गीतों की गूंज सुदूर गांवों में सुनाई पड़ रही है. भारत निर्वाचन आयोग ने जिला के वरीय उपसमाहर्त्ता सह स्वीप कोषांग के नोडेल पदाधिकारी रवींद्र कुमार दिवाकर रचित मतदाता जागरूकता के गीतों को स्वीकृति देकर इसे निर्वाचन से जुड़े क्षेत्रों में बजाने और वोटरों को मतदान के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया है. श्री दिवाकर रचित चार गीतों को इस विधानसभा चुनाव में सहमति प्रदान की गयी है. जबकि गत लोकसभा चुनाव मेें भी श्री दिवाकर के लिखे तीन गीतों को स्वीकृति मिली थी. उनके लिखे गीतों की रेकॉर्डिंग पटना में करायी गयी है. हिंदी के मतदाता जागरूकता के गानों को ब्रजेश कुमार राय और अमर आनंद ने संगीतबद्ध किया है. इन गानों का प्रसारण विविध भारती आकाशवाणी दरभंगा और पूर्णिया से भी प्रसारण हो रहा है. इसके साथ साथ दूसरे जिलों में भी मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने को इन गानों का उपयोग जागरूकता रथों पर बजा कर हो रहा है. इन गीतों के खासियत यह है कि धुन बिल्कुल मौलिक है और गीत के बोल कर्णप्रिय हैं. गीतों के मधुर बोल और उसका सह संगीत ग्रामीण इलाकों में लोगों को आकर्षित कर रहा है. जिन गानों का इस्तेमाल जागरूकता के लिए किया जा रहा है उनमें प्रमुख गीत के बोल हैं- ‘अब तो बैठे रहने के दिन नहीं रहे चलो करें मतदान मगन मन यही कहे’. ‘आया चुनाव का यहां त्योहार देखिये, जनतंत्र के जमीन को गुलजार देखिये’. ‘आओ भाइ आओ बहना अपना फर्ज निभाएं वोट डालकर निर्वाचन का उत्सव सफल बनायें’. ‘जो समझ के प्रिय मतदान करोगे, इस लोकतंत्र का तभी सम्मान करोगे’.

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