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डीएमसीएच में इलाज की सुविधा प्रभावित

डीएमसीएच में इलाज की सुविधा प्रभावित टेन्योर पोस्ट के आधा दर्जन डाक्टरों का हो चुका है तबादलादरभंगा. डीएमसीएच के टेन्योर पोस्ट के आधा दर्जन डाक्टरों का तबादला किये जाने को लेकर कई विभागों में मरीजों की भर्ती और ऑपरेशन करने की संख्या में काफी गिरावट आयी है. सबसे अधिक प्रभावित हड्डी रोग विभाग के डा. […]

डीएमसीएच में इलाज की सुविधा प्रभावित टेन्योर पोस्ट के आधा दर्जन डाक्टरों का हो चुका है तबादलादरभंगा. डीएमसीएच के टेन्योर पोस्ट के आधा दर्जन डाक्टरों का तबादला किये जाने को लेकर कई विभागों में मरीजों की भर्ती और ऑपरेशन करने की संख्या में काफी गिरावट आयी है. सबसे अधिक प्रभावित हड्डी रोग विभाग के डा. नंद कुमार का यूनिट हो गया है. इससे गरीब तबके के लोगों के सामने सस्ता इलाज का संकट पैदा हो गया है.बताया गया कि टेन्योर पोस्ट के आधा दर्जन डाक्टरों को यहां से तबादला कर सचिवालय पटना में प्रतिनियोजित कर दिया गया है. इसमें हड्डी रोग विभाग के सीनियर रेजिडेंट डा. सुनील कुमार सिंहा और डा. अनिल कुमार सिंह, सर्जरी के डा. राजेश द्विवेदी और अवधेश झा और इएनटी के डा. विजय कु मार झा शामिल हैं. डीएमसीएच के अधीक्षक डा. एसके मिश्र ने 22 सितंबर को ऐसे डाक्टरों को यहां से विरमित कर दिया. ऐसे सभी डाक्टर तत्काल सचिवालय मेंं योगदान दिया. क्या है मरीजों का हालइन डाक्टरों का तबादला होने से सबसे अधिक प्रभावित हड्डीरोग वार्ड के मरीज हैं. पहले से ही बेड को लेकर मरीजों का इलाज फर्श पर लेटा कर हो रहा है. इधर एक माह पूर्व हुए इस तबादले को लेकर मरीजाें का उपचार व्यवस्था, ऑपरेशन, ओपीडी, सीओटी आदि प्रभावित हो गया है. पहले प्रत्येक दिन 8 से 12 मरीज भर्ती होते थे. इन दिनों इस यूनिट में प्रत्येक दिन मात्र तीन मरीज ही भर्ती होते हैं और ऑपरेशन की संख्या भी काफी कम हो गयी है. 15 दिनों के बाद 14 अक्टूबर को मात्र एक मरीज का ऑपरेशन हो पाया है.क्या होती है परेशानीमरीजों के परेशानी के साथ डाक्टरों की भी परेशानी बढ़ गयी है. प्रत्येक दिन मरीजों को देखने के लिए डाक्टरों का राउंड लगाना, ऑपरेशन करना, ओपीडी और छात्रों को पढ़ाना शामिल है. पहले से ही यह वार्ड डाक्टरों की किल्लत झेल रहा था. यहां के स्वीकृत पद पूर्व काल के हैं. इधर 10 वर्षो के दौरान मरीजों की संख्या में चार गुणा वृद्धि हो गयी है. इस पर से डाक्टरों के तबादलों ने इस वार्ड की पीड़ा और बढ़ा दी है. यूनिट इंचार्ज डा. नंद कुमार ने बताया कि उनके यूनिट मेें एक मात्र वरीय रेजिडेंंट डाक्टर थे. अभी उनके वार्ड में 50 मरीज भर्ती हैं. मरीजों के उपचार के कई नेटवर्क है. इसके बाद ही छात्रों की पढ़ाई. इसको लेकर डाक्टर पहले से ही पेरशान थे. अस्पताल अधीक्षक डा. एसके मिश्रा ने बताया कि सरकार के आदेश पर एक माह पूर्व टेन्योर पोस्ट के डाक्टरों को वितरित कर दिया गया था.

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