झंझारपुर : अनुमंडल के नरूआर गांव में पांच साल पहले तटबंध से जोड़ने वाली सड़क में निर्मित पुलिया उद्धारक की बाट जोह रहा है.
इस पुलिया से एप्रोच सड़क बन जाने से झंझारपुर बाजार व रेलवे स्टेशन जाने के लिए सहूलियत ग्रामीणों को मिल जाती.कितने बीडीओ आये गये, लेकिन आज तक कोई बीडीओ उक्त पुलिया का खेवनहारा नहीं हो सके.
इस पुलिया का निर्माण सम विकास योजना से प्रखंड प्रशासन के द्वारा कराया गया है. यह पुल झंझारपुर प्रखंड के कमला नदी पर बने पश्चिम बांध के किनारे बसे नरूआर गांव की है.
इस पुल के बनने से नरूआर गांव के लोगों को काफी खुशी हुई और लगा कि अब बांध के रास्ते झंझारपुर बाजार, स्टेशन आदि स्थानों पर जाने में सहूलियत होगी. किंतु प्रशासन द्वारा इस अधूरे पुल के निर्माण के लिए पहल नहीं की जा रही है. इसको लेकर ग्रामीण लोक सभा में चुनावी मुद्दा बनाने की जुगत में हैं.
क्या है मामला
नरूआर गांव में करीब पांच वर्ष पहले कमला बांध से गांव को जोड़ने के उद्देश्य से सम विकास योजना मद से सड़क का निर्माण कार्य प्रखंड प्रशासन द्वारा शुरू कराया गया.
इस सड़क में पुल की आवश्यकता महसूस हुई तो पुल का निर्माण भी कराया गया. सड़क व पुल के निर्माण होने से ग्रामीणो में हर्ष का माहौल है, लेकिन एप्रोच सड़क नहीं बनने से लोग निराश हैं.
क्या कहते हैं लोग
ग्रामीण हरखु ठाकुर, पवन ठाकुर, फेकू ठाकुर, प्रमोद राय, मुन्नी लाल मंडल, तेजू झा ने बताया कि इस पुल के दोनों साइड मिट्टीकरण नहीं कराये जाने के कारण इस सड़क से आवागमन नहीं हो पाता. इस सड़क से पैदल चलना भी दूभर है.
पुल बनने से ग्रामीणों को लगा था कि अब मोटरसाइकिल, चारपहिया वाहन आदि से विभिन्न स्थानों पर जाने सहूलियत हो जायेगी, लेकिन अधूरा पुल का निर्माण करा विभाग के निश्चिंत हो जाने से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.
इन लोगों ने बताया कि इसकी शिकायत प्रखंड प्रशासन से कई बार कर चुके हैं. ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव में वोट का तो बहिष्कार नहीं करेंगे, लेकिन इस बात का ख्याल जरूर रखा जायेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
झंझारपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी रूपेंद्र कुमार झा ने बताया उन्होंने बीते दिनों ही प्रखंड में योगदान दिया है. अगर किसी तरह की गड़बड़ी की गयी होगी, तो संवेदक पर कार्रवाई की जायेगी.