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12 घंटे में हुई 150 मिलीमीटर बारिश
दरभंगा : विगत 12 घंटे में 175 मिलीमीटर से अधिक वर्षा ने शहरी क्षेत्र को पानी-पानी कर दिया. नगर निगम कार्यालय परिसर में दो-ढाई फीट जलजमाव है. शहर का हृदय स्थल दरभंगा टावर पर भी दो फीट से अधिक जलजमाव के कारण टावर के पूर्वी-दक्षिणी एवं पश्चिमी भाग की दुकानों में पानी घुस गया. शहर […]
दरभंगा : विगत 12 घंटे में 175 मिलीमीटर से अधिक वर्षा ने शहरी क्षेत्र को पानी-पानी कर दिया. नगर निगम कार्यालय परिसर में दो-ढाई फीट जलजमाव है. शहर का हृदय स्थल दरभंगा टावर पर भी दो फीट से अधिक जलजमाव के कारण टावर के पूर्वी-दक्षिणी एवं पश्चिमी भाग की दुकानों में पानी घुस गया. शहर के आधा दर्जन वार्डो को छोड़ सभी वार्ड जलजमाव से प्रभावित हैं. रूक -रूककर वर्षा जारी रहने के कारण जलजमाव की स्थिति लगातार और विकट हो रही है.
जलनिकासी को बनाये गये तीनों आउटलेट बंद होने के कारण निचले मुहल्लों में लगातार जलजमाव बढ़ता ही जा रहा है. विभागीय सूत्रों के अनुसार अगस्त माह में 280 मिलीमीटर वर्षा की उम्मीद जतायी गयी है.
जिसमें अबतक 232 मिलीमीटर वर्षा हुई है. लेकिन बीती रात से हो रही भीषण वर्षा को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि मौसम विभाग का वर्षापात संबंधी जो अनुमान है, उसे इस माह में क्रॉस कर जायेगा. ऐसी स्थिति में जलजमाव से शहर की स्थिति और बदतर होने की आशंका जतायी जा रही है.
बंद पड़े हैं तीनों आउटलेट
दरभंगा शहर के पानी की निकासी के लिए तीन आउटलेट – कगवा गुमटी, अललपट्टी रेलवे पुल एवं चट्टी चौक के निकट से बनाया गया है. ये तीनों आउटलेट कमला नदी की धारा में मिलती है.
वर्षों से इन कच्चे आउलेटों से ही शहर की जलनिकासी होती थी. वर्ष 2007 में भीषण जलजमाव को देखते हुए तत्कालीन जिला प्रशासन ने डीएमसीएच से अललपट्टी रेलवे पुल होते हुए कमला नदी तक आउटलेट बनाने का निर्णय लिया. सरकार से पत्रचार के बाद अललपट्टी से कमला नदी तक जमीन अधिग्रहण कर नाला निर्माण की स्वीकृति मिली. इसकी जिम्मेवारी जल नि:शरण विभाग को दी गयी. विभाग ने डीएमसीएच के कुष्ठ वार्ड से लेकर वीआइपी रोड तथा कमला नदी से लगभग आधा किलोमीटर तक नाला निर्माण करवाया.
इसके बाद नाला निर्माण का काम बंद हो गया. इस बीच अललपट्टी रेलवे गुमटी से नया नगर टोल कॉलोनी से आगे तक जो जमीन अधिग्रहित की गयी थी, उन जमीन मालिकों को राशि का भुगतान पांच वर्ष तक नहीं होने पर उनलोगों ने दूसरे लोगों के हाथों जमीन बेच ली.
वर्तमान में उन सभी अधिग्रहित जमीन पर बड़े-बड़े मकान बन गये हैं. ऐसी स्थिति में सड़क किनारे मात्र एक फीट कच्च नाला जलनिकासी के लिए बना दिया गया है. शहर के लगभग एक-तिहाई भाग का पानी उससे कैसे निकलेगा, यह गौर करने वाली बात है.
अललपट्टी रेलवे पुल से दरभंगा टावर, मिर्जापुर, भगवानदास, मिश्रटोला, राजकुमारगंज आदि मुहल्लों का पानी दिग्घी तालाब होते हुए दोनार चौक से निकलती है. वर्तमान में अधिकांश नाला बंद होने के कारण जलनिकासी 25 फीसदी भी नहीं हो रही है.
इसी तरह कगवा गुमटी से कमला नदी तक नाला की जमीन पर लोगो ने मकान बना लिये हैं. करीब दो वर्ष पूर्व नाले पर बने इन जमीन को खाली कराने की पहल की गयी थी. तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में इस मुतल्लिक हुई बैठक में डीएम, डीडीसी, एसएसपी, नगर आयुक्त, पीएचइडी के अभियंता, जल नि:शरण विभाग के अभियंता आदि शामिल थे.
इसमें जो निर्णय लिया गया उसका अनुपालन अबतक नहीं हो सका है. फलत: कगवा गुमटी से भी जलनिकासी लगभग नगण्य ही है.
इसी तरह चट्टी चौक से कमला नदी तक जानेवाले नाला को भी जगह-जगह अतिक्रमित कर उसे एक फीट से भी कम कर दिया गया है. ऐसी स्थिति में जलनिकासी के कोई मार्ग नहीं होने से शहर में यह समस्या दिनबदिन और बढ़ता ही जा रहा है.
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