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दरभंगा नहीं बनेगा स्मार्ट सिटी

प्रधानमंत्री की बहुप्रतीक्षित स्मार्ट सिटी मिशन योजना में दरभंगा को जगह नहीं मिली. इस योजना के अधीन केंद्र सरकार के शहरी मंत्रलय ने जो मार्गदर्शिका जारी की थी, उसके कंडिका 132 के प्रावधानों के तहत राज्य स्तरीय नौ सदस्यीय हाइपावर स्टेयरिंग कमिटी (एचपीएससी) का गठन किया गया था. नौ सदस्यीय कमेटी के निदेशक मंडल में […]

प्रधानमंत्री की बहुप्रतीक्षित स्मार्ट सिटी मिशन योजना में दरभंगा को जगह नहीं मिली. इस योजना के अधीन केंद्र सरकार के शहरी मंत्रलय ने जो मार्गदर्शिका जारी की थी, उसके कंडिका 132 के प्रावधानों के तहत राज्य स्तरीय नौ सदस्यीय हाइपावर स्टेयरिंग कमिटी (एचपीएससी) का गठन किया गया था. नौ सदस्यीय कमेटी के निदेशक मंडल में सभी नगर निगमों की रिपोर्ट का मूल्यांकन कर उसे अंक दिया गया.

15 प्रश्नावलियों में सर्वाधिक 81 अंक लाकर बिहारशरीफ एवं भागलपुर पहले और दूसरे नंबर पर, मुजफ्फरपुर 75 अंक लाकर तीसरे नंबर पर, 72 अंक लाकर बेतिया चौथे नंबर पर तथा 66 अंक लाकर दरभंगा पांचवें नंबर पर व छठे नंबर पर गया रहा. इस तरह पिछले तीन महीनों से स्मार्ट सिटी को लेकर दरभंगा की जो चर्चा चल रही थी, उसपर विराम लग गया.
17 नगर निकायों ने जमा की थी रिपोर्ट
स्मार्ट सिटी मिशन योजना के लिए केंद्र सरकार के मार्गदर्शिका के आलोक में जो नौ सदस्यीय हाइपावर्ड स्टेयरिंग कमिटी (एचपीएससी) ने जो मार्किग किया, उसमें बिहारशरीफ एवं भागलपुर को सर्वाधिक 81 अंक दिया गया. इसी तरह मुजफ्फरपुर को 75, बेतिया को 72, दरभंगा एवं गया का अंक क्रमश: 66-66 रहा.
इसके बाद कटिहार 56, किशनगंज एवं पूर्णिया 50, दानापुर 55, डालमियानगर 44, सीतामढ़ी 31, बक्सर 31, बेगूसराय 38, आरा 40, पटना 25 है.
पटना के अंक से हैरत
राजधानी पटना को स्मार्ट सिटी मिशन योजना के तहत मात्र 25 अंक मिलने पर हाइपावर्ड स्टेयरिंग कमिटी के सदस्य भी हैरत में थे. 15 प्रश्नों की सूची में पटना नगर निगम को 10 सूचियों में शून्य अंक ही प्राप्त हुए हैं. जो अपने-आपमे कई सवाल पैदा करता है. वैसे जानकारों का मानना है कि 15 बिंदुओं पर प्रपत्र भरने के क्रम में जिन नगर निगम के अधिकारी एवं अभियंताओं ने कलम का कमाल दिखाया, वे इस मिशन में बाजी मार लिया.
मिथिला के साथ भेदभाव कर रही सरकार : कीर्ति
स्थानीय सांसद कीर्ति आजाद ने राज्य सरकार पर मिथिलांचल का भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के एक-दो नगर निगमों को छोड़कर दरभंगा नगर निगम की बेहतर स्थिति है. लेकिन एक साजिश के तहत स्मार्ट सिटी योजना से दरभंगा नगर निगम को वंचित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि विगत तीन वर्षो से राजस्व वसूली मामले में भी नगर निगम राज्य में दूसरा-तीसरा स्थान प्राप्त कर रहा है. हाल के वर्षो में सफाई एवं विकास में भी उन्होंने अपना विशिष्ठ स्थान बनाया है. ऐसी स्थिति में दरभंगा नगर निगम को स्मार्ट सिटी योजना के बदले बिहारशरीफ का चयन राज्य सरकार की मंशा को स्पष्ट करता है.
सरकारी आंकड़ों का है
स्मार्ट सिटी के चयन में बिहारशरीफ का पहला नाम की जानकारी मिलने पर नगर विधायक संजय सरावगी ने बताया कि यह राज्य सरकार की आंकड़ों की बाजीगरी है. उन्होंने कहा कि मिथिला के साथ शुरू से राज्य सरकार भेदभाव करती रही है. इसको लेकर उन्हें पूर्व से ही इसकी आशंका थी.
उन्होंने कहा कि बिहारशरीफ को आगे लाने के लिए निश्चित रूप से अधिकारियों ने आंकड़ों की बाजीगरी की होगी, अन्यथा दरभंगा नगर निगम की राजस्व वसूली से लेकर सफाई संसाधन, स्वच्छता एवं विकासात्मक कार्य के आगे बिहारशरीफ किसी भी रूप में टिकने वाला नहीं है.
ज्ञात हो कि नगर विधायक ने दिल्ली में केंद्रीय नगर विकास मंत्री से मिलकर दरभंगा शहरी क्षेत्र को स्मार्ट सिटी मिशन योजना में शामिल करने का अनुरोध किया था.

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