फर्जी हस्ताक्षर के मामलों से निबटने के लिए संस्कृत विवि की पहलदरभंगा : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के वीसी, प्रोवीसी सहित सभी अधिकारी शिक्षक व कर्मियों के हस्ताक्षर का नमूना तैयार होगा. कुलसचिव कार्यालय में इन हस्ताक्षरों का रिकॉर्ड रखा जायेगा. फर्जी हस्ताक्षर के मामलों से निबटने के लिए कुलसचिव डा. सुरेश्वर झा के पहल पर यह व्यवस्था लागू की जा रही है. इस संदर्भ में प्रभात खबर से बातचीत में कुलसचिव डा. झा ने बताया कि अक्सर फर्जी हस्ताक्षर के मामले की जांच में हस्ताक्षर का नमूना नहीं होने पर समस्याएं उत्पन्न होती है. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग से जारी एक पत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के हस्ताक्षर से 9 मई 2015 को एक पत्र जारी किया गया. यह पत्र विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय अनुकंपा पर नियुक्त सभी तृतीय वर्गीय लिपिक को 1 अप्रैल 1997 से 4000-6000 का वेतनमान स्वीकृ त करने से संबंधित था. शिक्षा विभाग में बजट की समीक्षा के दौरान जब इस पत्र का मामला आया तो जांच करने पर पाया गया कि यह पत्र शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने जारी नहीं किया है और यह पत्र पूरी तरह फर्जी है. राज्य सरकार से 26 जून 2015 को भेजे गये पत्र में उक्त पत्र को फर्जी बताते हुए उसपर कार्रवाई न करने का निर्देश प्राप्त हुआ है. डा. झा ने बताया कि विश्वविद्यालय एक व्यापक संस्था है और यहां इस तरह के फर्जीवाड़ा की संभावना हो सकती है. ऐसे में इस तरह के मामलों से निबटने के लिए विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के सभी अधिकारी, शिक्षक व शिक्षके तर कर्मियों के नमूना हस्ताक्षर एकत्रित कर उनका रिकॉर्ड तैयार किया जायेगा.
कैंपस- अधिकारी व कर्मियों के हस्ताक्षर का बनेगा रिकॉर्ड
फर्जी हस्ताक्षर के मामलों से निबटने के लिए संस्कृत विवि की पहलदरभंगा : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के वीसी, प्रोवीसी सहित सभी अधिकारी शिक्षक व कर्मियों के हस्ताक्षर का नमूना तैयार होगा. कुलसचिव कार्यालय में इन हस्ताक्षरों का रिकॉर्ड रखा जायेगा. फर्जी हस्ताक्षर के मामलों से निबटने के लिए कुलसचिव डा. सुरेश्वर झा के […]
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