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आठ प्रकार के होते हैं शक्तिग्रह : झा
दरभंगा : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पीजी दर्शन शास्त्र विभाग में राष्ट्रीय कार्यशाला के पांचवें दिन आधार पुरुष डा. महेश झा ने प्रतिभागियों के बीच न्याय सिद्धांत मुक्तावली के शब्दखण्ड दिनकरी सहित पर विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया. उन्होंने क हा कि शब्द में जिससे अर्थबोध होता है उसे शक्तिग्रह कहते हैं. ये शक्तिग्रह […]
दरभंगा : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पीजी दर्शन शास्त्र विभाग में राष्ट्रीय कार्यशाला के पांचवें दिन आधार पुरुष डा. महेश झा ने प्रतिभागियों के बीच न्याय सिद्धांत मुक्तावली के शब्दखण्ड दिनकरी सहित पर विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया. उन्होंने क हा कि शब्द में जिससे अर्थबोध होता है उसे शक्तिग्रह कहते हैं. ये शक्तिग्रह शास्त्रों के अनुसार आठ प्रकार के होते हैं.
इनमें व्याकरण, उपमान, कोष, यथार्थ पुरुष की वाणी, व्यवहार, विवरण, ज्ञात पद की समीपता एवं वाक्य शेष शामिल हैं. इन आठों प्रकार पर उन्होंने शास्त्रीय विचार प्रस्तुत किये.
उन्होंने कहा कि शक्तिग्रह के उपायों में व्यवहार क ी प्रधानता बनी रहती है. दूसरे सत्र में उन्होंने कहा कि मिमांसकों के जाति में शक्तिग्रह मानने पर व्यभिचार एवं गौरव दिखा कर नैयायिकों का पक्ष जाति आकृ ति एवं व्यक्ति में शक्तिग्रह स्वीकार करना पूर्णत: व्यावहारिक पक्ष है. उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने विचारों की पुष्टि प्रस्तुत की. कार्यशाला में डा. बौआनंद झा के संयोजकत्व में डा. दयानाथ झा, डा. विनय कुमार मिश्र, डा. सुधीर कुमार मिश्र, नवनीत कुमार सहित कई प्रतिभागी उपस्थित थे.
सेमिनार की रूपरेखा पर हुई चर्चा
दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृ त विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर व्याकरण विभाग के विभागीय परिषद की बैठक सोमवार को विभागाध्यक्ष डॉ विद्याधर झा की अध्यक्षता में हुई. इसमें 25 जून को मानवाधिकार विषय पर होने वाले एकदिवसीय सेमिनार की रूपरेखा पर विचार विमर्श किया गया.
जानकारी देते हुए विभागीय शिक्षक सह छात्रक ल्याणाध्यक्ष डॉ सुरेश्वर झा ने बताया कि यूजीसी के 12वीं पंचवर्षीय योजनांतर्गत इस मद में प्राप्त साठ हजार की राशि के उपयोग पर चर्चा की गयी. बैठक में निर्णय लिया गया कि 25 जून को सेमिनार का आयोजन कुल चार सत्रों में किया जायेगा.
सुबह 10 से 11 बजे तक उद्घाटन सत्र, 11 से 1 बजे तक प्रथम शैक्षणिक सत्र, दो से चार बजे तक द्वितीय शैक्षणिक सत्र एवं चार से पांच बजे तक समापन सत्र का आयोजन होगा. सेमिनार का विषय ‘मानवाधिकार कर्तव्ययो: शिक्षायाम् व्याकरणस्य योगदानम्’ अर्थात मानवाधिकार एवं कर्तव्य की शिक्षा में व्याकरण का योगदान रखा गया है. सेमिनार में प्रतिभागियों का प्रवेश नि:शुल्क रखा गया है. प्रतिभागियों से 23 जून तक आलेख व आवेदन आमंत्रित किये गये हैं. कार्यक्रम का संयोजक डॉ दयानाथ झा को बनाया गया है.
बता दें कि यूजीसी की 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत प्राप्त राशि से विवि के सभी छ: पीजी विभागों में मानवाधिकार विषय पर एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. इस कड़ी में 21 जून क ो दर्शनशास्त्र विभाग, 23 जून को साहित्य विभाग, 25 जून को व्याकरण विभाग, 27 जून को वेद विभाग, 29 जून को ज्योतिष विभाग एवं एक जुलाई को धर्मशास्त्र विभाग में सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है.
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