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औषधि नियंत्रक करंेगे दवा के गुणवत्ता की जांच

निष्पक्ष जांच से सामने आयेगी सच्चाईदरभंगा. डीएमसीएच के ऑर्थो विभाग में डा. लालजी चौधरी यूनिट में भर्त्ती मरीजों को इंजेक्शन देने के बाद तबियत बिगड़ने वाले मामले में प्रभारी अधीक्षक ने एक बैच नंबर के एंटीबॉयोटिक सूई देने पर रोक लगाते हुए ड्रग इंस्पेक्टर को जांच का निर्देश दिया है. सोमवार को प्रभारी अधीक्षक डा. […]

निष्पक्ष जांच से सामने आयेगी सच्चाईदरभंगा. डीएमसीएच के ऑर्थो विभाग में डा. लालजी चौधरी यूनिट में भर्त्ती मरीजों को इंजेक्शन देने के बाद तबियत बिगड़ने वाले मामले में प्रभारी अधीक्षक ने एक बैच नंबर के एंटीबॉयोटिक सूई देने पर रोक लगाते हुए ड्रग इंस्पेक्टर को जांच का निर्देश दिया है. सोमवार को प्रभारी अधीक्षक डा. संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि जिस बैच के इंजेक्शन देने से मरीजों की तबियत बिगड़ी इन बैच नंबर के सूई को बंद कर दिया गया है. वहीं ड्रग इंस्पेक्टर को सभी दवाआंे की जांच का निर्देश दिया गया है. इधर कई लोगों का कहना है कि इंस्पेक्टर साहब तो ड्रग की गुणवत्ता की जांच करेंगे. किन कारणों से लोगों की तबियत बिगड़ी इसकी सत्यता तो निष्पक्ष जांच के बाद सामने आयेगी. जानकारों की माने तो वाटर फॉर इंजेक्शन नहीं रहने पर नॉर्मल स्लाइन से वाटर निकालकर सूई में मिलाकर देने से भी मरीजों की तबियत बिगड़ सकती है. अलग अलग कम्पोजिशन की एंटीबॉयोटिक की सूई देने से एक साथ डेढ़ दर्जन मरीजों की तबियत क्यों बिगड़ी यह भी सोचनीय है. वहीं इसी कम्पोजिशन की तथा इसी बैच नंबर की दवा पहले भी दी गयी थी. तो प्रथम दिन ही तबियत क्यों नहीं बिगड़ी इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिये.

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