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कामेश्वर सिंह मेमोरियल चेयर का होगा पुनर्गठन
पद्मभूषण से विभूषित डॉ विंदेश्वर पाठक 26 को करेंगे उद्घाटन दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह मेमोरियल चेयर की पुनस्र्थापना होगी. आगामी 26 मई को प्रख्यात समाजसेवी पदम्भूषण डॉ विंदेश्वर पाठक इसका विधिवत उद्घाटन करेंगे. इसको लेकर स्नातकोत्तर समाजशास्त्र विभाग में तैयारी जोर-शोर से चल रही है. शनिवार को संवाददाता सम्मेलन […]
पद्मभूषण से विभूषित डॉ विंदेश्वर पाठक 26 को करेंगे उद्घाटन
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह मेमोरियल चेयर की पुनस्र्थापना होगी. आगामी 26 मई को प्रख्यात समाजसेवी पदम्भूषण डॉ विंदेश्वर पाठक इसका विधिवत उद्घाटन करेंगे. इसको लेकर स्नातकोत्तर समाजशास्त्र विभाग में तैयारी जोर-शोर से चल रही है.
शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में विभागाध्यक्ष प्रो. नागेंद्र कुमार ने यह सूचना दी. कहा कि मौके पर डॉ पाठक सोसियोलॉजी ऑफ सेनिटेशन विषय पर व्याख्यान देंगे. समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा करेंगे. वहीं स्मारिका का विमोचन भी होगा. मौके पर चेयर के निदेशक पूर्व एमएलसी प्रो. विनोद कुमार चौधरी ने बताया कि विभागाध्यक्ष प्रो. कुमार के अलावा सीएम कॉलेज के एचओडी डॉ विश्वनाथ झा, प्रो. मोहिसीन, मनोविज्ञान विभाग के प्रो. आभा रानी व राजनीति विभाग मारवाड़ी कॉलेज के प्रो. केके मिश्र सदस्य बनाये गये हैं.
चेयर को मिलेगा नवजीवन 1998 में महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह मेमोरियल चेयर का गठन किया गया था. राज दरभंगा के ट्रस्ट ने उस समय दो लाख रुपये सीड मनी के रूप में दिया था. उस समय के ट्रस्टी द्वारिकानाथ झा ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. इसके लिए डॉ विनोद कुमार चौधरी, डॉ विद्यानाथ झा व प्रो. उग्रनाथ झा का प्रयास सराहनीय रहा था. उग्रनाथ को निदेशक बनाया गया था. कतिपय कारणों से यह चेयर कालांतर में मृतप्राय हो गया.
सिंडिकेट सदस्य प्रो चौधरी इस चेयर की पुनस्र्थापना के लिए लगातार सिंडिकेट में आवाज उठाते रहे. अंतत: 14 मई को सर्वसम्मति से इसके फिर से स्थापना का प्रस्ताव पारित किया गया. लनामिवि के कुलसचिव ने अधिसूचना जारी करते हुए चेयर के सलाहकार परिषद का गठन कर इसकी घोषणा भी कर दी. डॉ चौधरी को निदेशक बनाते हुए सदस्यों का चयन भी किया गया. एक बार फिर इस चेयर को नवजीवन देकर पुराने आदर्श को स्थापित किया जा रहा है.
पीजी थर्ड समेस्टर का परीक्षा केंद्र बदला
दरभंगा : लनामिवि के स्नातकोत्तर थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा केंद्र बदल दिया गया है. पहले इस परीक्षा के लिए डॉ जाकिर हुसैन टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में केंद्र बनया गया था. इसे बदलकर अब सीएम लॉ कॉलेज कर दिया गया है. परीक्षा नियंत्रक डॉ कुलानंद यादव ने यह सूचना दी है. सनद रहे कि विवि क्षेत्रधीन सभी चार जिलों में इस परीक्षा के लिए एक-एक केंद्र बनाया गया है. इसमें सिर्फ दरभंगा के ही पूर्व घोषित केंद्र में बदलाव किया गया है.
पहली जुलाई से हड़ताल पर रहेंगे शिक्षकेत्तर कर्मी
दरभंगा. लनामिवि के संबद्ध सीएम कॉलेज दरभंगा की शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ की बैठक सकलदेव सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को हुई. बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षके त्तर कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर एक जुलाई 2015 से होनेवाले अनिश्चितकालीन हड़ताल को शतप्रतिशत सफल बनाने के लिए सभी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे.
संघ के सचिव बिंदेश्वर यादव ने कहा कि बिहार सरकार एवं विश्वविद्यालय प्रशासन न्यायादेश का अनुपालन नहीं कर रहा है. महासंघ के 13 सूत्री मांग के प्रति उदासीन है. हठधर्मिता के कारण कर्मी को हड़ताल पर जाना पर रहा है. वक्ताओं में प्रक्षेत्र के संरक्षक शमशाद अली, श्याम सुंदर मिश्र, वीरेंद्र कुमार झा, कृ ष्णदेव पासवान, श्रृष्टि चौधरी एवं दिनेश झा आदि शामिल थे.
विभागीय प्रस्तुति पर जताया संतोष
दरभंगा : लनामिवि के राजनीति स्नातकोत्तर विज्ञान विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ रामदेव राय की अध्यक्षता में विभागीय परिषद की बैठक हुई. इसमें नैक पीयर टीम के सामने विभाग की अच्छी प्रस्तुति पर संतोष व्यक्त किया गया.
वहीं नैक टीम के सुझाव के अनुरुप माइनर एवं मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट तैयार कर जमा करने का अनुरोध किया गया. नैक टीम के निरीक्षण से संबंधित समस्त तैयारियों, निर्देशों एवं कुशल नेतृत्व के लिए कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनके समस्त कार्यो की भूरि भूरि प्रशंसा की गयी.
केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद तथा मिथिला स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 30 दिवसीय योग शिविर के तीसरे दिन शनिवार को संस्थान के निदेशक डॉ देवनारायण यादव की अध्यक्षता में योग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन प्रात: 6.30 से 8.00 बजे तक किया गया. महर्षि पतंजलि के योग सूत्र पर आधारित नियमों के आलोक में प्रशिक्षकों ने वैज्ञानिक तकनीकों के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को योग के विभिन्न आसनों तथा उससे होनेवाले शारीरिक एवं मानसिक लाभों की जानकारी दी.
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