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सात वर्षो से योजना पर चल रहा काम, अभिकर्ता ने खड़े किये हाथ

दरभंगा : पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता एवं शहरी जलापूर्ति योजना के अभिकर्ता किलरेस्कर एंड ब्रदर्स ने शहर में चलायी जा रही योजनाओं को शीघ्र चालू करने में अपने हाथ खड़े कर लिये हैं. सरकारी स्तर पर एवं तकनीकी स्तर पर कई समस्याओं को गिनाते हुए शुक्रवार की बैठक में मेयर, नगर आयुक्त एवं पार्षदों के […]

दरभंगा : पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता एवं शहरी जलापूर्ति योजना के अभिकर्ता किलरेस्कर एंड ब्रदर्स ने शहर में चलायी जा रही योजनाओं को शीघ्र चालू करने में अपने हाथ खड़े कर लिये हैं. सरकारी स्तर पर एवं तकनीकी स्तर पर कई समस्याओं को गिनाते हुए शुक्रवार की बैठक में मेयर, नगर आयुक्त एवं पार्षदों के बीच उन्होंने आश्वस्त किया कि आगामी 15 जुलाई तक फेज -1 की योजना को वे चालू करने का भरसक प्रयास करेंगे.
लेकिन फेज-2 की योजना फरवरी 2016 से पहले नहीं शुरू की जा सकती. गत 18 मई को निगम बोर्ड की बैठक में शहरी जलापूर्ति योजना के फिसड्डीपन पर पूर्व मेयर अजय पासवान सहित एक दर्जन पार्षदों ने इसका विरोध करते हुए इसे शीघ्र चालू करवाने की मांग की थी. पार्षदों की मांग को देखते हुए नगर आयुक्त ने उन्हें आश्वस्त किया था कि शीघ्र ही पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कार्य एजेंसी के प्रतिनिधि एवं जिन पार्षदों के वार्ड में इन योजनाओं का क्रियान्वयन होना है, उन सबों की बैठक बुलायी जायेगी. इसी आलोक में मेयर गौरी पासवान की अध्यक्षता में शुक्रवार को बैठक बुलायी गयी थी.
बैठक प्रारंभ होते ही पूर्व मेयर अजय पासवान, प्रदीप गुप्ता, रीता सिंह, राम मनोहर प्रसाद, आशुतोष कुमार ने करीब आधा दर्जन से अधिक बार तिथि निर्धारित करने पर भी योजनाओं का शुभारंभ नहीं करने पर कार्य एजेंसी के अभियंता एवं अभिकर्ता पर जमकर भड़ांस निकाली. पार्षदों का कहना था कि शहरी जलापूर्ति मद में अबतक करीब 40 करोड़ रुपये कार्य एजेंसी ने खर्च कर दिये हैं. लेकिन कहीं भी एक मुहल्ला में भी जलापूर्ति करने में वह विफल रहा है. करीब दो माह पूर्व कार्य एजेंसी किलरेस्कर एंड ब्रदर्स ने निगम प्रशासन को गत 31 मार्च तक इन दो योजनाओं (फेज-1 और फेजन्2) को पूरा करने का आश्वासन दिया था.
अब पुन: एक योजना फेज-1 को 15 जुलाई तक चालू करने की बात आज उन्होंने कही है. ज्ञात हो कि विगत छह वर्षो से मई से लेकर जुलाई के प्रथम सप्ताह तक चापाकल के सूखने या पानी कम आने की स्थिति में सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी इसी योजना की चर्चा करते हैं.
जुलाई के पहले सप्ताह से बारिश शुरू होने के बाद चापाकल में भी पानी की रफ्तार बढ़ जाती है और इस समस्या को भी लोग अगले 9-10 महीनों के लिए भूल जाते हैं. बैठक में पूर्व मेयर अजय पासवान, पार्षद रीता सिंह, प्रदीप गुप्ता, नफीसुल हक रिंकू, आशुतोष कुमार, राममनोहर प्रसाद, रफत सुल्ताना, रमेश झा, मो अनवार, हीरा नैयर आजम, शाहिद रब, नगर आयुक्त महेंद्र कुमार, नगर अभियंता रंतन किशोर, सहायक नगर अभियंता सउद आलम, राजस्व प्रभारी प्रजापति मिश्र सहित कई निगम के प्रशाखा अधिकारी भी थे.
पीसीसी काटने पर एजेंसी ब्लैक लिस्टेड
कार्य एजेंसी के संचालक ने बताया कि पूर्व में जैन फार्मा को इस योजना की जिम्मेवारी मिली थी. लेकिन अभिकर्ता द्वारा प्राक्कलन में संशोधन एवं पीसीसी सड़क के कटाई की स्वीकृति को लेकर राज्य सरकार ने उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया.
ऐसी स्थिति में किलरेस्कर एंड ब्रदर्स को इस योजना की जिम्मेवारी मिली. उन्होंने बताया कि शुभंकरपुर एवं मिल्लतकॉलेज के निकट अधिकांश सड़कें पीसीसी हो गयी हैं. जहां सड़क काटने की स्वीकृति नहीं दी जाती है. ऐसी स्थिति में पाइप लाइन बिछाना मुश्किल हो गया है.

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