/रभवन निर्माण के बावजूद स्थानांतरण नहीं तारडीह : प्रखंड में बाल विकास परियोजना अंतर्गत कार्यरत आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 109 है, पर वास्तविक में 98 आंगनबाड़ी केंद्र ही संचालित हैं. सरकार को भले जो प्रचार-प्रसार आंगनबाड़ी केंद्रों के अपना भवन होने को लेकर हो रहा हो पर यहां भी हालत केंद्रों के अपना भवन होने की ठीक नहीं है. 98 केंद्रों के लिए पहले 3 पर्यवेक्षिकाएं थीं जो अभी मात्र 2 हैं. सीडीपीओ यहां कोई स्थायी नहीं है. जो भी होती हैं, प्रभार में दो-दो प्रखंड रहता है अन्यथा बीडीओ प्रभार में देखते हैं. 14 पंचायतों में 98 केंद्रों का केवल भवन संबंधी जायजा हो तो 68 आंगनबाड़ी केंद्र अपनी निजी या अन्य सरकारी भवनों में जैसे सामूदायिक भवन, विद्यालय भवन, पंचायत भवन या अन्य सरकारी भवनों में चलते हैं. इसमें 40 अपना भवन केंद्र की बनी भवन में 28 अन्य सरकारी भवनों में चलती हैं. 8 से 9 केंद्र अर्द्धनिर्मित भवन में चलती हैं. 21 केंद्र स्वयं निजी भवन में या तो संचालिका के दरवाजे पर या पड़ोस के अन्य लोगों के दरवाजे पर चलती है. कहीं-कहीं तो भवन तैयार है पर स्थानांतरित नहीं हो रहे हैं. केंद्र संख्या 20 तारडीह के विसहथ-बथिया पंचायत मंे जाता है जो निजी भवन में संचालिका के पति के देखरेख में चलता है. कुर्सों, राजाखरबार, पोखरभिंडा, सकतपुर, नारायणपुर, नदियामी, कठरा, महथौर, लगमा, ककोढ़ा, बैका पंचायत में घूमें तो यही हालात बस जगह की है. इस संबंध में सीडीपीओ (प्रभारी) में है, वर्तमान में स्वास्थ्य अवकाश पर हैं. पर्यवेक्षिका निराली कुमारी ने बताया कि भवन के संबंध में हमलोग क्या कर सकते हैं . अगर केंद्र का अपना भवन हो तो अच्छी बात होगी, सुविधा होगी.
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/ू/रनिजी आवासों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र
/रभवन निर्माण के बावजूद स्थानांतरण नहीं तारडीह : प्रखंड में बाल विकास परियोजना अंतर्गत कार्यरत आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 109 है, पर वास्तविक में 98 आंगनबाड़ी केंद्र ही संचालित हैं. सरकार को भले जो प्रचार-प्रसार आंगनबाड़ी केंद्रों के अपना भवन होने को लेकर हो रहा हो पर यहां भी हालत केंद्रों के अपना भवन होने […]
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