दरभंगा : आवाम को बेहतर पुलिसिंग एवं त्वरित सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से तत्कालीन आइजी अरविंद पांडेय ने सकारात्मक प्रयास करते हुए जहांगीरी घंटा की सुविधा मुहैया करायी थी. यह न्याय का घंटा आइजी आवास के बाहर लगाया गया था. आम जनता किसी भी वक्त इस घंटा के माध्यम से न्याय की गुहार लगा सकती थी. पुलिस की स्थापित छवि को तोड़ते हुए तत्कालीन आइजी श्री पांडेय की यह अनोखी पहल आमलोगों के लिए राहत भरी थी.
शुरुआत में घंटे की आवाज तो पूरी गूंजी, लेकिन उनके कार्यकाल में ही यह आवाज मद्धिम पड़ने लगी. उनका स्थानांतरण होते ही यह आवाज पूरी तरह खामोश हो गयी. वर्तमान में यह घंटा तो अपनी जगह कायम है पर केवल शोभा की एक वस्तु के रूप में. बता दें कि न्याय के घंटा की शुरुआत मध्यकालीन मुगल शासक जहांगीर ने की थी जिसे लेकर इसका नाम जहांगीरी घंटा पड़ गया था.