कमतौल,दरभंगाः जाले प्रखंड अंतर्गत जोगियारा पंचायत के पंचायत सचिव परमेश्वर यादव को निगरानी विभाग की टीम ने दस हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथों शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. जानकारी के अनुसार जोगियारा पंचायत के वार्ड चार के निवासी नरेश राम ने इंदिरा आवास योजना का लाभ दिलाने के नामपर पंचायत सचिव द्वारा रुपये मांगे जाने की शिकायत निगरानी विभाग में दर्ज करवायी थी.
निगरानी विभाग के एसपी उपेंद्र प्रसाद सिंह ने डीएसपी सुभाष साह के नेतृत्व में यहां टीम भेजी. पैसे लेन–देन के निर्धारित समय पर शिकायतकर्ता नरेश राम पंचायत भवन पहुंचा, जैसे ही विभाग की ओर से दिये गये नोटों की ग्ड्डी पंचायत सचिव को थमायी वहां सादे वेश में तैनात अधिकारियों ने उसे दबोच लिया. हालांकि प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार पंचायत सचिव ने भागने की भरसक कोशिश की, परंतु भीड़ की वजह से वह पकड़ा गया.
सूत्रों के अनुसार नरेश राम से इंदिरा आवास दिलाने के नाम पर पंचायत सेवक घूस मांग रहा था. इसको लेकर नरेश राम ने मुखिया मनोज सिंह तथा उपमुखिया शिवदुलारी देवी के पुत्र वासुकी नाथ सिंह से संपर्क किया. दोनों ने निगरानी की शरण में जाने की सलाह दी. सबसे पहले वह मुजफ्फरपुर निगरानी ऑफिस पहुंचा, वहां से उसे पटना भेज दिया गया. पटना में शिकायत दर्ज कराने के साथ ही मोबाइल पर हुई बातचीत की टेप भी उपलब्ध करायी. इसके बाद विभाग ने टीम गठित कर दी. योजना के अनुसार शुक्रवार को पंचायत सचिव को पैसा देना था. जब पंचायत भवन पर पंचायत सचिव कूपन वितरण का काम कर रहे थे तो सुबह करीब 8 बजे नरेश राम पंचायत भवन के अंदर गए.
बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ. तय कार्यक्रम के मुताबिक पंचायत सचिव को रुपये थमा दिए. मौके पर सादे लिबास में पहले से मौजूद निगरानी विभाग के अधिकारियों ने पंचायत भवन के अंदर जाकर तलाशी कर रकम के साथ पंचायत सचिव को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. सुबह 8.30 बजे जैसे ही लोगों को पता चला कि पंचायत सचिव निगरानी के हत्थे चढ गया है. लोग दहशत के मारे इधर उधर भागने लग़े आरोप लगाने वाले जोगियारा पंचायत के वार्ड नंबर चार की सदस्या श्यामा देवी और उनके पति नरेश राम भी मीडिया के सामने आने से बचते रह़े वार्ड सदस्या भी अपने घर से गायब रही. घर में करीब बारह वर्षीया पुत्री के अलावा कोई सदस्य मौजूद नहीं था. सूत्रों ने बताया कि निगरानी विभाग के अधिकारी नरेश राम को भी साथ ले गये हैं.