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मुक्त हुए बंधक बने 32 मजदूर
बहादुरपुर : ठगी कर मजदूरी के लिए पश्चिम बंगाल से लाये गये 32 मजदूरों कोईंट-भट्ठा मालिक द्वारा बंधक बनाकर रखे जाने का मामला सामने आया है. इसको लेकर सूचना पर सोमवार को श्रम संसाधन विभाग के अधिकारी छपरार मठ विद्यालय पहुंचे जहां से सभी को विधिवत अपने कब्जे में ले लिया. इस मामले में हरिपट्टी […]
बहादुरपुर : ठगी कर मजदूरी के लिए पश्चिम बंगाल से लाये गये 32 मजदूरों कोईंट-भट्ठा मालिक द्वारा बंधक बनाकर रखे जाने का मामला सामने आया है.
इसको लेकर सूचना पर सोमवार को श्रम संसाधन विभाग के अधिकारी छपरार मठ विद्यालय पहुंचे जहां से सभी को विधिवत अपने कब्जे में ले लिया. इस मामले में हरिपट्टी पंचायत निवासी हेमंत कुमार भट्ठा मालिक के साथ मजदूरों की शिकायत के आलोक में समीक्षा कर बकाया भुगतान का निर्देश दिया. इसको लेकर मजदूरों ने फेकला ओपी को मौखिक सूचना दी.
श्रम संसाधन विभाग के श्रम परिवर्तन पदाधिकारी किशोर कुमार झा, सदर के अशोक कुमार व बेनीपुर के कौशल किशोर झा ने सभी मजदूरों का बयान लिया. ईंट भट्ठा मालिक को बुलाकर मजदूरी के बारे में विस्तृत जानकारी ली. सभी मजदूरों को दोपहर पश्चिम बंगाल के कूच बिहार भेज दिया गया. जानकारी के अनुसार पिड़री पंचायत के मुखिया जंगी यादव ने सभी मजदूरों को रविवार को भट्ठा से मुक्ति कराया. इसकी सूचना पर फेकला ओपी अध्यक्ष केसी भारती ने मौके पर पहुंच जानकारी ली.
पश्चिम बंगाल के कूच बिहार निवासी जयंत वर्मन, जियाउल हक, माधवी वर्मन, मुसलिम मियां, संतोष वर्मन, उसनी वर्मन, जिया वर्मन आदि मजदूरों ने भट्ठा मालिक पर अत्याचार का आरोप लगाया. उनका आरोप था कि गौसाघाट निवासी धनेश्वर यादव 32 मजदूरों को ठगकर बिहार ले आया. 16 नवंबर 2014 से 32 मजदूर ईंट भट्ठा पर ईंटा पथाई का काम करते थे.
मालिक की तरफ से 500 रुपये खुराकी के रूप में दिया जा रहा था. और 450 रुपये प्रति हजार पथाई का मूल्य निर्धारित किया गया था. खुराकी के तौर पर 1 लाख 94 हजार 930 रुपया मालिक की तरफ से दिया गया, जबकि एक लाख 34 हजार 495 रुपये मजदूरी का हिसाब बना. सभी मजदूरों को हिसाब कर वापस पश्चिम बंगाल भेज दिया गया.
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