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वीसी ने की अभियान की शुरुआत
स्वच्छता मिथिला की परंपरा रही है. इसे और जीवंत करने की जरूरत है. हमें शारीरिक, वैचारिक, सामाजिक सहित हर स्तर पर जहां कहीं भी गंदगी है उसे साफ कर देना चाहिए. उक्त बातें राष्ट्रीय सेवा योजना कोषांग द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत चलाये गये सामूहिक स्वच्छता तथ जागरूकता अभियान में […]
स्वच्छता मिथिला की परंपरा रही है. इसे और जीवंत करने की जरूरत है. हमें शारीरिक, वैचारिक, सामाजिक सहित हर स्तर पर जहां कहीं भी गंदगी है उसे साफ कर देना चाहिए. उक्त बातें राष्ट्रीय सेवा योजना कोषांग द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत चलाये गये सामूहिक स्वच्छता तथ जागरूकता अभियान में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो साकेत कुशवाहा ने कही. उन्होंने कहा कि एनएसएस के इस कार्यक्रम के माध्यम से हम संदेश देना चाहते हैं कि लोग तन, मन से घर, गली, मुहल्ले तथा कार्यस्थल आदि को हरसंभव स्वच्छ रखें. हर व्यक्ति का दायित्व है कि वह समय-समय पर अपने श्रमदान द्वारा आसपड़ोस को स्वच्छ रखें.
इस अवसर पर प्रतिकुलपति डॉ सैयद मुमताजुद्दीन ने कहा कि स्वच्छता ही स्वस्थ जीवन का मूल आधार है. स्वच्छता से पवित्रता आती है. स्वच्छता अभियान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यो में सबको साथ देना चाहिए. कुलसचिव डॉ अजित कुमार सिंह ने कहा कि स्वच्छता हमारा राष्ट्रीय धर्म होना चाहिए. एनएसएस का यह कार्यक्रम स्वागतयोग्य तथा अनुकरणीय है. इससे युवाओं में सामाजिक बोध जागृत होता है.
स्वच्छता अभियान का शुभारंभ कुलपति से स्वयं झाड़ू लगाकर किया. उनके साथ प्रतिकुलपति, कुलसचिव तथा कुलानुशासक आदि ने भी झाड़ू लगाकर स्वयंसेवकों की हौसला आफजाई की. इस कार्यक्रम में स्थानीय 11 महाविद्यालयों तथा स्नातकोत्तर विभागों के 200 स्वयंसेवकों तथा 100 अन्य व्यक्तियों ने भाग लिया जिनमें सीसीडीसी डॉ भरत ठाकुर, विकास पदाधिकारी डॉ केके साह, डीएसडब्ल्यू डॉ केपी सिन्हा आदि मौजूद थे.
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