दरभंगा : हायाघाट से जदयू के विधायक अमरनाथ गामी ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. श्री गामी ने मंगलवार की शाम बताया कि उन्होंने अपना इस्तीफा सीएम नीतीश कुमार को भेज दिया है.लोकसभा चुनाव में लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान व समस्तीपुर के प्रत्याशी रामचंद्र पासवान के व्यवहार से विधायक श्री गामी पिछले कुछ दिनों से नाराज चल रहे थे.
पार्टी के दबाव पर मतदान संपन्न होने तक उन्होंने अपने को रोके रखा था. श्री गामी की पीड़ा आज फूट पड़ी. कहा कि लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन उनकी उपयोगिता को नहीं समझा. जबकि वे पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार प्रसार करते रहे. यही कारण रहा कि वे मतदान बाद इस्तीफा दे रहे हैं. कहा कि भाजपा व जदयू का अटूट गठबंधन है, परंतु लोजपा की रणनीति एनडीए को कमजोर कर रही है.
विधायक श्री गामी ने कहा कि लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान एवं समस्तीपुर के सांसद प्रत्याशी रामचंद्र पासवान ने अपने क्षेत्र में प्रचार- प्रसार करने से उन्हें मना कर दिया था. दोनों भाई ने कहा था कि वे मौन समर्थन दें. उन्हें यह नागवार गुजरा. श्री गामी ने कहा किश्री पासवान अपनी पार्टी के नेता आरके चौधरी को साथ लेकर हायाघाट विधानसभा क्षेत्र में प्रचार प्रसार करने निकल पड़ते थे. क्षेत्र का विधायक होने के बावजूद चुनाव संबंधी रणनीति पर उनसे किसी तरह का विचार-विमर्श नहीं किया जाता था. यही हाल गृह क्षेत्र (दरभंगा नगर) में भी उनके साथ किया गया.
किसी भी बैठक की जानकारी नहीं दी जा रही थी. चुनावी प्रक्रिया व कार्य योजना पर उनसे किसी तरह का सलाह मशविरा नहीं किया गया. साजिश के तहत विधायक रहते हुए भी लोकसभा चुनाव में उनकी भूमिका शून्य कर दी गयी. कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी एवं सीएम नीतीश कुमार की नियत और नीति पर उन्हें पूरा भरोसा है.
श्री गामी का कहना था कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनके क्षेत्र हायाघाट से लोजपा के उम्मीदवार के तौर पर आरके चौधरी को प्रोजेक्ट करने की तैयारी की जा रही है. इस स्थिति में उन्हें टिकट से वंचित होना पड़ सकता है. इस कारण समय रहते उन्होंने त्यागपत्र दे दिया है. कहा कि अपना इस्तीफा उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को सौंप दिया है. श्री गामी ने बताया कि वे किसी दूसरी पार्टी में नहीं जाएंगे. उन्होंने सीएम व पीएम में पूरा विश्वास जताया.