मेडिसिन विभाग के ओपीडी
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मेडिसिन विभाग की सभी छह मशीनें हैं खराब
मेडिसिन विभाग के ओपीडी में मरीजों की संख्या रहती है सबसे अधिक दरभंगा : उत्तर बिहार का सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान डीएमसीएच में मरीजों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं. डीएमसीएच प्रशासन मरीजों को उचित चिकित्सा देने में विफल साबित हो रहा है. फिर से इलाज के दौरान अस्पताल की लापरवाही का […]
में मरीजों की संख्या रहती है सबसे अधिक
दरभंगा : उत्तर बिहार का सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान डीएमसीएच में मरीजों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं. डीएमसीएच प्रशासन मरीजों को उचित चिकित्सा देने में विफल साबित हो रहा है. फिर से इलाज के दौरान अस्पताल की लापरवाही का मामला सामने आया है. यह ताजा मामला मेडिसिन ओपीडी विभाग का है. सोमवार को आपीडी के मेडिसिन विभाग में बीपी जांच करने वाली सभी मशीनों ने जवाब दे दिया. जिससे हाइपरटेंशन से ग्रसित करीब दर्जनों मरीजों को बगैर इलाज के वापस जाना पड़ा. विभाग के पास बीपी जांच की छह मशीन हैं. सभी मशीन खराब पायी गयी. इस कारण वहां कुछ देर के लिये अफरा-तफरी मच गयी. स्थिति को संभालते हुये जूनियर चिकित्सकों ने मरीज एवं उनके परिजनों को समझाया.
तब जाकर मामला शांत हुआ. आखिरकार जांच नहीं होने के कारण तीन सौ से उपर मरीज एवं परिजनों को वापस जाना पड़ा. जूनियर चिकित्सक कुव्यवस्था को देख डीएमसीएच प्रशासन के प्रति कुपित नजर आ रहे थे. विभाग का बीपी मशीन पूर्व से ही खराब थी. करीब छह महीने से उसको ठोक-पीटकर काम चलाया जाता रहा. बार-बार उन मशीनों को ठीक कर महज खानापूर्ति की जा रही थी. इसी बीच उन सभी मशीनों ने सोमवार को जवाब दे दिया. इस कारण सोमवार को करीब तीन सौ से अधिक मरीजों की बल्ड प्रेशर की जांच नहीं हो सकी. हाइपरटेंशन से ग्रसित मरीजों को बगैर इलाज के वापस लौट जाना पड़ा.
कुव्यवस्था देख बिफरे जूनियर चिकित्सक
अस्पताल के कुव्यवस्था को देखकर जुनियर चिकित्सक कर्मियों पर बिफर पड़े. जूनियर चिकित्सकों का कहा कि मेडिसिन विभाग में बीपी मशीन इलाज का प्रमुख मशीन है. अधिकांश मरीजों का इलाज से पहले बीपी चेक किया जाता है. लेकिन सोमवार को मशीन खराब होने के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
बताया कि बीपी के मरीजों का सर्वप्रथम बीपी जांच किया जाता है. इसके जांच के लिये मरीजों को जांच करने वाले कर्मी के पास भेजा गया. लेकिन मरीज बगैर जांच कराये वापस आ रहे थे. मरीजों ने जांच नहीं होने कि शिकायत की. वहां जाने पर पता चला कि बीपी के सभी मशीन खराब हो गयी है. मजबूरन उन मरीजों का इलाज नहीं हो पाया. वो घर वापस चले गये. कुछ देर के लिये वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया. इसी बीच जांच नहीं होने के कारण विभाग में मरीजों की भीड़ जमा हो गयी. मरीजों ने भी हंगामा खरा कर दिया. यहां की लचर व्यवस्था की चर्चा करते हुये मरीज व परिजनों ने कहा कि सरकार अस्पताल पर करोड़ों रुपया खर्चा करती है. बावजूद मरीजों के इलाज की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है.
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