दरभंगाः राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राम माधव ने कहा, महिला सुरक्षा से कहीं ज्यादा महिला सम्मान आवश्यक है. लोगों में यह भाव जागृत करने के लिए समवेत प्रयास होने चाहिए. नवटोल में सामाजिक संस्था इजोत के तत्वावधान में जानकी नवमी पर गुरुवार को आयोजित किशोरी दाई उत्सव के दौरान विचार गोष्ठी में वे बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे.
श्री माधव ने कहा, भारत वर्ष में शास्वत परंपरा को कालसंगत बनाने की परंपरा रही है. आज इसकी आवश्यकता कुछ ज्यादा ही हो गयी है. प्रबुद्धजन व संत-महात्माओं को चाहिए कि धर्मशास्त्र के अनुरूप रीति-रिवाज, परंपरा की आधुनिक व्याख्या करें. देश में महिला सुरक्षा की स्थिति काफी चिंताजनक है. कहीं भी महिला सुरक्षित नहीं हैं. अमेरिका या यूरोपीय देश से हम इसकी तुलना न करें. बगल के म्यांनमार, श्रीलंका आदि देशों में महिला की स्थिति को अगर देखें तो हमारे देश से कहीं बेहतर है. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि रात के बारह बजे अगर महिला अकेली घर से निकलने लगेगी तो समझा जाएगा कि समाज में वह पूर्ण सुरक्षित हैं. लेकिन आज सुरक्षा से कहीं ज्यादा सम्मान भाव की आवश्यकता है. महिला को महिला के रूप में सम्मान मिलना चाहिए. ईलता को पुरुषों के नजरिये से देखना गलत है. सभी वर्ग के लिए सम्मान व श्रद्धा का भाव जागृत करना कुछ ज्यादा ही जरूरी हो गया है. इसके लिए समवेत प्रयास आवश्यक है.
मौके पर जगद्गुरु रामवल्लभ दास ने कहा, मिथिला में कभी जानकी की उपेक्षा नहीं हुई. जन्म महोत्सव में बधाई कार्यक्रम भी होना चाहिए. मौके पर साहित्यकार उषा किरण खान ने कहा, सामाजिक रूप से जानकी नवमी मनाया जाना समय की मांग है. आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने कहा कि घर-घर में जानकी नवमी मनायी जाय, इसके लिए अभियान शुरू किया गया हेै. मौके पर संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रो धर्मशीला प्रसाद, प्रो पद्मलता ठाकुर, लोकेश कुमार आदि ने भी विचार रखे. मैथिली पुत्र प्रदीप,संयोजक पूर्व महापौर अजय पासवान, रामबाबू सिंह , जगदीश साह, आदित्यनारायण चौधरी मन्ना, अशोक नायक, अमलेश झा, कन्हैया पासवान, सुनीति रंजन दास आदि मौजूद थे. इससे पूर्व किशोरी दाई का विधिवत पूजनकिया गया.