मधुबनी/दरभंगा/सहरसाः वाराणसी में परचा भरने के बाद भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने बिहार में तीन सभाएं की. इस दौरान उनके निशाने पर केंद्र सरकार व कांग्रेस पार्टी रही. उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ कुछ नहीं कहा. लगभग ढाई घंटे की देरी से मधुबनी पहुंचे मोदी ने कहा, इस बार जिस तरह की लहर चल रही है. उससे साफ लग रहा है, कांग्रेस व उसके चट्टे-बट्टों का खाता नहीं खुलेगा. देश कांग्रेस मुक्त होनेवाला है.
विकास के लिए दें वोट
मधुबनी के हवाई अड्डा मैदान में अपने छह मिनट के भाषण में नरेंद्र मोदी ने कहा, हम आपको विश्वास दिलाने आये हैं. अगर आप भाजपा व उसके सहयोगी दलों के प्रत्याशियों को वोट देंगे, तो वह विकास व सुशासन के लिए वोट होगा. हम आपको निराश नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, सरकार अमीरों के लिए नहीं, गरीबों के लिए होती है. अमीर अगर बीमार होता है, तो उसको अस्पताल ले जाने के लिए सैकड़ों लोग आ जाते हैं, वहीं,
जब गरीब बीमार होता है, तो उसे कोई नहीं पूछता. उसका असरा सरकारी अस्पताल ही बनते हैं. ऐसे ही अमीर के बच्चों की शिक्षा के लिए तमाम स्कूल हैं, लेकिन गरीब के बच्चे को सरकारी स्कूल में जाना होता है, लेकिन अभी सरकारी स्कूलों में अच्छे शिक्षक व अस्पतालों में अच्छे डॉक्टर नहीं हैं. इसे बदलने की जरूरत है, जिसका समय आ गया है.
गरीबों का हक
मोदी ने कहा, सरकार और सरकारी योजनाओं पर पहला हक हमारे गरीब भाई-बहनों का है. उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा, जिसने ताज महल नहीं देखा होता है. वह अपने साथियों के साथ उसे देखने जाता है. साथ में कैमरा भी लेता जाता है, ताज महल के सामने खड़ा होकर फोटो खिचवाता है और उसे अपने परचितों को दिखाता है. ऐसे ही राहुल गांधी हैं. उन्होंने गरीबी देखी नहीं है. वह गरीबी देखने के लिए कैमरों के साथ झोपड़ियों में जाते हैं. वहां फोटो खिचवाते हैं. कभी-कभी खाना भी खा लेते हैं. जिसने गरीबी नहीं देखी, आखिर वह गरीबों का भला कैसे कर सकता है. मैंने गरीबी देखी है, मैं बचपन में ट्रेनों में चाय बेचा करता था. मैं गरीबों का दर्द जनता हूं. चाय बेचते-बेचते आपके पास पहुंचा हूं.
पहनायी विजयी माला
मैं आपके बीच में एक अपील करने के लिए आया हूं. आप से भाजपा व उसके सहयोगी दलों के प्रत्याशियों के पक्ष मतदान की अपील करता हूं. क्या आप मुङो इसका वचन देते हैं. इसके बाद मोदी ने मधुबनी से भाजपा प्रत्याशी हुकुमदेव नारायण व झंझारपुर प्रत्याशी वीरेंद्र चौधरी को विजय की माला पहनायी. नरेंद्र मोदी के साथ पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी थे, लेकिन वह नहीं बोले. सभा की अध्यक्षता व संचालन भाजपा जिलाध्यक्ष भोगेंद्र ठाकुर ने किया.
देश की गाड़ी खाई में
दरभंगा के राज मैदान में नरेंद्र मोदी ने भाजपा प्रत्याशी कीर्ति झा आजाद के लिए वोट मांगा. उन्होंने लोगों से कीर्ति झा को जिताने की अपील की. दरभंगा में मोदी लगभग 12 मिनट बोले. इस दौरान उनके निशाने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी रहे. उन्होंने कहा, मां-बेटे का बॉडी लैंग्वेज बिगड़ गया है. उन्हें आनेवाले दिनों का एहसास हो गया है. जिन सीटों पर चुनाव हो चुका है. वहां एनडीए के पक्ष में अच्छी नीव पड़ चुकी है. आनेवाले चरणों में ये आकड़ा तीन सौ के पार होना चाहिए. उन्होंने कहा, अगर कोई गाड़ी कही सड़क के किनारे गड्ढे में फंस जाती है, तो कुछ लोग मिल कर उसे निकाल लेते हैं, लेकिन इस समय देश की गाड़ी खाई में जा गिरी है, जिसे निकालने के लिए तीन सौ कमल की जरूरत होगी.
क्या आपको मिला रोजगार?
मोदी ने कहा, केंद्र सरकार ने देश की जनता के साथ धोखा किया है. 2009 में युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, क्या यहां आप लोगों के यहां रोजगार मिला? जो सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर सकती है, क्या उसे सत्ता में बने रहने का अधिकार है? कदाफि नहीं? इसीलिए इस बार मतदान के दिन आप लोग बड़ी संख्या में बूथों पर जायें और एनडीए के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करें. हमें आपकी जिंदगी की चिंता है. हम आपको विश्वास दिलाते हैं. हम आपके विश्वास पर खरे उतरेंगे. ये लोग तो पहले हाथ जोड़ते हैं. फिर हाथ बढ़ाते हैं. इसके बाद हाथ मिलते हैं. इसके बाद हाथ की सफाई शुरू कर देते हैं. सभा की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष जगदीश साह ने की. संचालन नगर विधायक संजय सरावगी ने किया.
देश में चल रही सुनामी
इससे पहले सहरसा के पटेल मैदान में मोदी ने भाजपा प्रत्याशी विजय कुमार सिंह कुशवाहा के पक्ष में रैली की. यहां उन्होंने कहा, पूरे देश में एक तरह की सुनामी चल रही है. इस सुनामी में कांग्रेस व उनके चट्टे-बट्टे को बहने से कोई बचाने वाला नहीं है. आप से अपील है कि राज्य में कांग्रेस व उनके चट्टे-बट्टों का खाता भी नहीं खुलना चाहिए. अपने नौ मिनट के संबोधन में उन्होंने कहा कि 1934 से कोसी व मिथिला के इलाके अलग थे. 50 साल कांग्रेस का शासन रहा, लेकिन अगर उनमें कोसी के लोगों के लिए सेवा भावना रहती तो मिथिला व कोसी को जोड़ने का काम 50 साल पहले हो गया होता, लेकिन यह नहीं हुआ. अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में सड़क निर्माण शुरू हुआ. पर अभी रेल का काम बाकी है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार के नेता रेल को लेकर घूमते थे, लेकिन उन्हें मिथिला व कोसी की याद नहीं आयी. पर हमारा इरादा साफ है. हमारी सरकार आयी तो आपका काम सबसे पहले होगा.