तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व समारोह शुरू, पूर्व मंत्री ने किया कार्यक्रम का उद्घाटन
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मिथिला-मैथिली के संरक्षण-संवर्द्धन को आगे आयें क्षेत्रवासी : रमण
तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व समारोह शुरू, पूर्व मंत्री ने किया कार्यक्रम का उद्घाटन दरभंगा : मिथिला-मैथिली के संरक्षण-संवर्द्धन के लिए पूरे क्षेत्रवासी को आगे आना होगा. मिथिला, मैथिली तथा मैथिलों के सर्वांगीण विकास के लिए सभी को एकजुट होना होगा. ये बातें पूर्व मंत्री डॉ रामलखन राम रमण ने कही. गुरूवार की शाम एमएलएसएम […]
दरभंगा : मिथिला-मैथिली के संरक्षण-संवर्द्धन के लिए पूरे क्षेत्रवासी को आगे आना होगा. मिथिला, मैथिली तथा मैथिलों के सर्वांगीण विकास के लिए सभी को एकजुट होना होगा. ये बातें पूर्व मंत्री डॉ रामलखन राम रमण ने कही. गुरूवार की शाम एमएलएसएम कॉलेज परिसर में विद्यापति सेवा संस्थान की ओर से आयोजित त्रिदिवसीय मिथिला विभूति पर्व समारोह का उद्घाटन करने के बाद वे बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि आधुनिकता की बयार ने इस क्षेत्र को भी खासा प्रभावित किया है.
जड़ से मैथिली कटती जा रही है. लोग घर में बच्चों के साथ अपनी मातृभाषा में बातचीत नहीं कर रहे. यह चिंताजनक है. इसके लिए सभी को जागरूक होकर एकजुट होना होगा. डॉ रमण ने प्रदेश सरकार की शराब बंदी तथा दहेजमुक्त समाज निर्माण की दिशा में की गयी पहल को लेकर सराहना की. साथ ही लोगों को इस ऐतिहासिक तथा समाज सुधारवादी कदम को सफल करने के लिए पूर्ण सहयोग का आह्वान किया.
दो लोगों को मिला मिथिला विभूति : समारोह के पहले दिन दो लोगों को मिथिला विभूति सम्मान से विभूषित किया गया. इसमें नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी डॉ शिवाकांत झा तथा पटना विवि में मैथिली के प्राध्यापक रहे प्रो. इंद्रकांत झा को यह सम्मान दिया गया. इनलोगों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये.
केंद्रीय राज्य मंत्री का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम
दरभंगा आगमन- दोपहर 12 बजे
डीएमसीएच का निरीक्षण – 12.15 बजे
प्रिंसिपल, अधीक्षक आदि के साथ विमर्श- 12.30 बजे
सीएस के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पर चर्चा – 1.30 बजे
डीएमसी ऑडिटोरियम में नागरिक अभिनंदन – 2.30 बजे
बिरौल के उसरी पीएचसी का उद्घाटन – 3 बजे
बहेड़ी के बिठौली में एपीएचसी का उद्घाटन – 4 बजे
सर्किट हाउस आगमन- 6 बजे
विद्यापति पर्व समारोह में आगमन – 7 बजे
दरभंगा से प्रस्थान – 8.30 बजे
सचिवीय प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि आजादी के बाद से किसी भी सरकार ने इस क्षेत्र की प्रगति के लिए काम नहीं किया. कल-कारखाने बंद हो गये. बेहतर संस्थान नहीं होने के कारण प्रतिवर्ष लाखों में छात्रों का पलायन होता है. उन्होंने इसके लिए पृथक राज्य के गठन की मांग दुहराते हुए सरकार से मातृभाषा मैथिली में प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य करने की वकालत की. इस अवसर पर स्वागत भाषण हीरा कुमार झा ने किया. कमलाकांत झा के संचालन में पूर्व एमएलसी डॉ विनोद कुमार चौधरी, मिश्री लाल यादव के अलावा लनामिवि के कुलसचिव डॉ मुश्तफा कमाल अंसारी, डॉ श्रीपति त्रिपाठी, डॉ मुश्ताक अहमद, शशिपटेल आदि ने भी विचार रखे. समारोह में चंद्रशेखर झा बूढ़ाभाई, हरिकिशोर चौधरी, डॉ उदयकांत झा आदि सक्रिय नजर आये.
मिथिला पुत्री ने श्री राम को बनाया मर्यादा पुरुषोत्तम : सरावगी
नगर विधायक संजय सरावगी ने इस अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि कहा कि यह तप की भूमि है. मिथिला पुत्री जगत जननी भगवती जानकी के कारण ही भगवान श्रीराम मर्यादा पुरूषोत्तम बने. यहां का कण-कण पावन है. महाकवि विद्यापति देश ही नहीं, सम्पूर्ण राष्ट्र के कवि हैं. ये इकलौते कवि हैं, जिनकी रचना सर्वाधिक भाषाओं में अनुदित हुई. उन्होंने मिथिला-मैथिली के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी दुहरायी.
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