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प्राथमिकता के आधार पर बांटें फसल क्षति मुआवजा: कमिश्नर

विकट परिस्थिति से किसानों को उबारने में कृषि विभाग की भूमिका अहम फसल बीमा का लाभ दिलाने का भी प्रयास करें अधिकारी रबी कर्मशाला में प्रमंडलीय आयुक्त ने दिये कई निर्देश बहादुरपुर : किसानों के साथ ही पूरे समाज के लिए बाढ़ एक अभिशाप है. इस विकट परिस्थिति से किसानों को उबारने में कृषि विभाग […]

विकट परिस्थिति से किसानों को उबारने में कृषि विभाग की भूमिका अहम
फसल बीमा का लाभ दिलाने का भी प्रयास करें अधिकारी
रबी कर्मशाला में प्रमंडलीय आयुक्त ने दिये कई निर्देश
बहादुरपुर : किसानों के साथ ही पूरे समाज के लिए बाढ़ एक अभिशाप है. इस विकट परिस्थिति से किसानों को उबारने में कृषि विभाग की भूमिका अहम है.
यह बातें प्रमंडल स्तरीय रबी कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में सोमवार को प्रमंडलीय आयुक्त एचआर श्रीनिवास ने कही. उन्होंने तीनों जिला दरभंगा, समस्तीपुर व मुधबनी के डीएओ सहित सभी पदाधिकारियो को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि किसानों के बीच फसल क्षति मुआवजा का प्राथमिकता के आधार पर वितरण करें.
साथ ही फसल बीमा का लाभ भी दिलाने के लिए प्रयास करें. जिला के पदाधिकारी पंचायत स्तर पर पहुंचकर किसानों को कृषि विभाग की विस्तृत जानकारी दें, ताकि किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा हो सके. उन्होंने कहा कि फसल क्षति का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर किसानों को फसल क्षति का मुआवजा वितरण करें, ताकि किसानों को रबी की बुआई के समय कुछ आर्थिक मदद मिल सके.
नकदी फसल के लिए करें प्रेरित
आयुक्त श्रीनिवास ने कहा कि प्रमंडल स्तर पर तीनों जिला के डीएओ अपने-अपने क्षेत्र में किसानों को नकदी फसल लगाने के लिए प्रेरित करें. साथ ही बाढ़ के पानी को एकत्रित कर सिंचाई के लिए उपयोग करने पर विचार करने की बात कही.
आम, लीची, अमरूद एवं मछली उत्पादन के साथ अन्य फसलों पर जोर देने का निर्देश दिया. उन्होंने संयुक्त कृषि निदेशक से कहा कि प्रमंडल के तीनों जिले में रबी कर्मशाला के तहत तीन माह का लक्ष्य के अनुरूप तैयारी कर जानकारी उपलब्ध कराएं. उसी के अनुरूप तीनों जिला में कृषि विभाग की समीक्षा की जायेगी.
संयुक्त कृषि निदेशक नईम अशरफ ने कार्यक्रम में प्रमंडल स्तर के तीनों जिला के रबी कर्मशाला के तहत लक्ष्य की विस्तृत जानकारी दी. साथ ही उन्होंने लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया.
उर्वरक के प्रयोग की दें जानकारी
संयुक्त निदेशक रसायन विजेंंद्र चौधरी ने कहा कि बाढ़ -सुखाड़ जैसे आपदा की परिस्थिति में किसान खेती करने पर जोर देते आ रहे हैं.
इसके लिए पंचायत स्तर पर पदाधिकारी पहुंचकर जैविक खेती, कंपोस्ट के उपयोग की जानकारी किसानों के बीच दें, ताकि किसान अपने खेतों में उर्वरक का छिड़काव कम मात्रा में करें. किसानों को व्यापक रूप से जैविक खाद का प्रयोग कर सकें. उन्होंने कहा कि किसान अपने खेतों में पोटाश की मात्रा अधिक डालने की जरूरत है, ताकि खेतों की नमी लंबे समय तक बरकरार रह सके. साथ ही बीज का उपचार कर खेतों में बोआई करने की जानकारी दें.
आत्मा परियोजना निदेशक शकील अख्तर अंसारी ने संचालन करते हुए कहा कि बाढ़ जैसे विषम परिस्थिति में किसानों को कमर तोड़ कर रख दी है. इसकी भरपाई किसानों को फसल क्षति मुआवजा मिलने से ही हो सकती है. किसानों को सब्जी की खेती के लिए प्रेरित करने की जरूरत है.
नयी तकनीक से खेती को करें प्रोत्साहित
रबी कर्मशाला में राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वैज्ञानिक जैविक खेती, जीरो टिलेज से खेती, दलहन के उत्पादन, समेकित कृषि प्रणाली, तेलहन के विकास, रबी मक्का की वैज्ञानिक खेती, मशरूम उत्पादन तकनीकी, मसूर की वैज्ञानिक खेती, खेती के लिए आधुनिक कृषि यंत्र एवं चना की वैज्ञानिक खेती की विस्तृत जानकारी दी.
मौके पर डीडीसी विवेकानंद झा, जिला कृषि पदाधिकारी समीर कुमार, समस्तीपुर के डीएओ चंद्रशेखर सिंह, रेवती रमण, सहायक निदेशक रसायन जीवकांत झा, मधुबनी के सहायक निदेशक रसायन पूर्णेंदु नाथ झा, कृषि विज्ञान केंद्र जाले के वैज्ञानिक, उप निदेशक मत्स्य, जिला सहकारिता पदाधिकारी सहित तीनों जिला के कृषि विभाग से संबंधित सभी पदाधिकारी मौजूद थे.

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