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सभापति की कुर्सी के लिए पुराने व नये में जोर आजमाइश

बेतिया : चुनाव परिणाम आते ही नगर परिषद सभापति पद को लेकर रस्साकसी शुरू हो गयी है. सभापति पद की चाह रखने वाले दावेदार जीते हुए पार्षदों को अपने खेमे में लाने के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दिये हैं. पार्षदों को अपने पक्ष में लाने के लिए साम, दाम, दंड व भेद अपनाये जा […]

बेतिया : चुनाव परिणाम आते ही नगर परिषद सभापति पद को लेकर रस्साकसी शुरू हो गयी है. सभापति पद की चाह रखने वाले दावेदार जीते हुए पार्षदों को अपने खेमे में लाने के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दिये हैं. पार्षदों को अपने पक्ष में लाने के लिए साम, दाम, दंड व भेद अपनाये जा रहे हैं. सभापति पद की चाह रखने वाले उम्मीदवारों की बेचैनी इस कदर है कि वह इस कुरसी को पाने के लिए बेताब दिख रहे हैं. इसकी बानगी मंगलवार को मतगणना स्थल पर दिखी, जब सभापति की उम्मीद लगाये बैठे नवनिर्वाचित पार्षदों के पति व पुत्र अन्य पार्षदों के पॉव तक छूते नजर आये.

सूत्रों की माने तो इस बार बेतिया नगर परिषद में सभापति पद के लिए नये व पुराने में जोर आजमाइश है. निवर्तमान सभापति रहे अनीस अख्तर जहां अपनी पत्नी को सभापति पद पर बैठाने की कोशिश करेंगे. वहीं पहली बार चुनाव जीतकर नगर सरकार में पहुंची शहर के बड़े व्यवसायिक घराने की बहू गरिमा देवी सिकारिया भी इस पद की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं. हालांकि पूर्व सभापति रहे जनक साह भी इस पद के लिए अपनी पत्नी को सामने ला सकते हैं.
निर्वतमान उपसभापति कुमार गौरव उर्फ रिंकी गुप्ता की मां भी सभापति पद की दावेदारों की फेहरिस्त में चर्चा पा रही हैं. लेकिन, सभापति पद की कुरसी पाना इतना आसान नहीं होगा. इधर, मंगलवार को नगर परिषद चुनाव के परिणाम आते हीं मतगणना केंद्र विपिन उच्च विद्यालय परिसर में सभापति पद के दावेदारों में रस्सा कसी देखी गयी. सभापति पद के दौड़ में शामिल होने के लिए चुनाव जीते नये पार्षद अपनी छाप निवार्ची पार्षदो पर छोड़ते देखे गये.
पांव छूने और आशीर्वाद लेने के बहाने पार्षद सभापति की कुर्सी की रेस में अन्य पार्षदो को पटाती देखी गयी. जबकि कई चुनावों में लगातार चुनकर आये दिग्गज भी जातीय आंकड़े का गणित बैठाकर काफी शांत मिजाज में बैठे देखे गये. जबकि सभापति के रेस में चर्चा में शामिल एक अन्य दिग्गज वेट एण्ड वाच की स्थिति में देखे गये. बहरहाल जो भी हो सभापति का चुनाव धनबल जातीय गणित और राजनैतिक आकाओं के आशीर्वाद पर हीं टिका है.
यह बात द्गिर है कि बेतिया नगरपरिषद केसभापति पद का सिट महिला के लिए आरक्षित है. वैसे मतगणना केंद्र पर यह भी चर्चा रही कि चुनाव जितकर आनेवाले ज्यादातर महिला पार्षद के पति या पुत्र उन्हें सभापति पद के दौड़ में शामिल करने से नही चुकने वाले है. भले हीं किसी दबाब में आकर वे अपना पांव पीछे खींच ले तो कोई आश्चर्य भी नही होगा.
राजनीतिक आकाओं के आशीर्वाद के बिना कुर्सी
पाना संभव नहीं
पार्षदों को अपने खेमे में लाने की जुगत में जुटे दिग्गज
कुर्सी हथियाने को अपनायी जा रही साम, दाम, दंड व भेद की नीति
39 सदस्यीय टीम में 21 नये चेहरे
चुनाव परिणाम . कहीं हार का गम, तो कहीं जीत की खुशी में उड़े रंग-गुलाल
मंगलवार को पांच नगर िनकायों का परिणाम आने के बाद नगर सरकार के गठन की कवायद में जुटे िदग्गज
जीत के जश्न में डूबे रहे समर्थक
बेतिया : जिले के पांचों नगर निकायों में मंगलवार मतगणना समाप्ति के बाद परिणाम घोषित कर दिये गये है. मतगणना सुबह आठ बजे से आरंभ की गयी. मतगणना आंरभ होने से पहले से हीं मतगणना केंद्रों पर प्रत्याशी एवं उनके सर्मथको की भीड़ उमड़ पड़ी थी. और जैसे जैसे मतगणना परिणाम आते गये सर्मथकों में जोश बढ़ते जा रहा था. बेतिया नगर परिषद में पुराने नगर पार्षदों ने भी बाजी मारी है.
नगर परिषद के सभापति अनिश अख्तर चुनाव हार गये. जबकि उप सभापति कुमार गौरव उर्फ रिंकी गुप्ता ने अपनी मां सुनैना देवी को विजयी बनाने में सफलता हासिल कर ली है. हालाकि सभापति अनिश अख्तर अपनी सिट से अपनी पत्नी मुन्नी खातून को चुनाव जिताने में सफल रहे है. जबकि नगर परिषद के कई दिग्गज वार्ड पार्षद के इस चुनाव में मुंह की खाये है. वार्ड संख्या 12 से पूर्व पार्षद इरशाद अख्तर दुलारे, वार्ड 20 से नेहाल अहमद अपने परिजन वार्ड 31 से पारस राम (बहन) रुखसाना खातून चुनाव जिताने में असफल साबित हुए है. जबकि वार्ड 15 से रईस लाल गुप्ता अपनी पत्नी महारानी देवी देवी वार्ड 24 से विनोद चौहान अपनी पत्नी सुधा देवी वार्ड 33 से हरेंद्र प्रसाद अपनी पत्नी मनोरमा देवी को चुनाव जिताने में नाकामयाब साबित हुए है. ऐसे में चुनावी बैतरणीपार करने के लिए कई वार्ड पार्षद व पूर्व पार्षदो ने अपने क्षेत्र बदला लेकिन नये जगह के मतदाताओं को ये रास नही आये जिस कारण उन्हें चुनाव में मुंह की खानी पड़ी है. क्षेत्र बदलकर चुनाव लड़े सभापति अनिश अख्तर, सूर्य कांत मिश्र, सुशीलकुमार गुप्ता को करारी हार झेलनी पड़ी. जबकि पूर्व पार्षद दारोगा प्रसाद चौधरी, इंद्रजीत यादव कोचुनाव हारना पड़ा है.
नगर परिषद के चुनाव में अबकी बार उपसभापति पद सुशोभित कर चुके प्रत्याशियों के लिए अशुभ साबित नहीहो सका. कारण उपसभापति कुमार गौरव उर्फ रिंकी गुप्ता नेअपनी मां सुनैना देवी को चुनाव जितानेमें कामयाबी हासिल की है. खुद उपसभापति चुनाव इसलिए नही लड़े कि उनका सिट महिला आरक्षित हो गया था. वहीं इनके पूर्व उपसभापति रह चुकी जाहिदा खातुन भी अपना सिट बचाने में सफल रही है. आंकड़ों पर गौर किया जाय तो पूर्व में उपसभापति के पद पर रहे एजाज हुसैन, आंनद सिंह, चंदन पांडेय, की नगरपालिका चुनाव में पुर्नवापसी लगातार नही हो पायी थी.

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