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बेतिया न्यायालय परिसर के बाहर की दुकान के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई बदमाशों की तस्वीर
बेतिया एसपी के नेतृत्व में मोतिहारी के रघुनाथपुर व बंजरिया में हुई ताबड़तोड़ छापेमारी तीन दिनों से न्यायालय परिसर की बदमाश कर रहे थे रेकी कब और किस न्यायालय में पेशी होगी, लगाया पता रेकी के दौरान हत्या के लिए चुनी गयी सेफ जगह बेतिया/मोतिहारी : शातिर बबलू दूबे की हत्या के लिए अपराधियों ने […]
बेतिया एसपी के नेतृत्व में मोतिहारी के रघुनाथपुर व बंजरिया में हुई ताबड़तोड़ छापेमारी
तीन दिनों से न्यायालय परिसर की बदमाश कर रहे थे रेकी
कब और किस न्यायालय में पेशी होगी, लगाया पता
रेकी के दौरान हत्या के लिए चुनी गयी सेफ जगह
बेतिया/मोतिहारी : शातिर बबलू दूबे की हत्या के लिए अपराधियों ने बेतिया न्यायालय परिसर की तीन दिनों तक रेकी की थी. अपराधियों ने यह भी पता लगाया था कि बबलू की पेशी कब और किस न्यायालय में होनी है. उसे गोलियों से छलनी करने की जगह भी रेकी के दौरान तय कर लिया गया था.
फुलप्रुफ प्लान के तहत अपराधियों ने गुरुवार की सुबह न्यायालय परिसर में पुलिस की सुरक्षा घेरे के बीच बबलू के सीने में पिस्टल की पांच गोलियां उतार दी, उसके बाद आराम से निकल गये.
न्यायालय गेट सहित उसके आसपास की दुकानों के विडियो फुटेज से पुलिस को हत्यारों के सुराग हाथ लगे है. विडियो फुटेज के आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि बबलू की हत्या में मोतिहारी के अलावे कुछ बाहरी अपराधियों का हाथ है.
इस बात को इस लिए भी बल मिल रही है कि बेतिया एसपी विनय कुमार के नेतृत्व वाली टीम गुरुवार की रात मोतिहारी पहुंच तुरकौलिया के रघुनाथपुर और बंजरिया थाना क्षेत्र में छापेमारी की.
बताया जाता है कि रघुनाथपुर के जिस युवक को पुलिस तलाश रही है, वह पिछले तीन दिनों से घर से गायब है. परिजनों से पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि रिश्तेदार के यहां शादी समारोह में गया है. हालांकि पुलिस को उसके संबंध में जो इनपुट मिली है, उसके अनुसार घर से उसका गायब रहना हत्याकांड में उसकी भूमिका पर संदेह गहरा कर दिया है.
खराब था जेल का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम : बेतिया. यूं तो जेल में बंद कुख्यात अपराधियों की सुरक्षा को लेकर सरकारी की ओर से जेल से ही वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से पेशी की व्यवस्था की गयी है.
ताकि ऐसे अपराधी सुरक्षित रहे और पेशी के लिए उनकी सुरक्षा पर खर्च होने वाले पैसे भी बच सके. वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेशी की यह व्यवस्था बेतिया मंडलकारा में भी है. लेकिन, अमूमन वह खराब ही रहता है. लिहाजा पेशी के लिए अपराधी को कोर्ट जाना ही पड़ता है. कानून के जानकारों की माने को बबलू दूबे की पेशी वीडियो काफ्रेसिंग के माध्यम से हो सकती थी. वहीं जेल प्रशासन का कहना है कि 11 मई को जो पेशी बबलू दूबे की होनी थी. उसमें कोर्ट रूम में उसकी उपस्थिति अनिवार्य थी.
इसलिए उसे विशेष सुरक्षा में भेजा गया था. बता दें कि इससे पहले 9 मई को बबलू दूबे की पेशी कोर्ट में हुई थी. चूंकि बेतिया पुलिस बबलू दूबे को वारंट पर मोतिहारी से बेतिया जेल लायी थी.
लिहाजा इससे जुड़े मामले की सुनवाई हर दूसरे या तीसरे दिन होनी थी. जिसमें उसकी पेशी होती. मंडल कारा के अधीक्षक रमेश प्रसाद ने बताया कि आंधी-पानी के दौरान वीडियो कांफ्रेसिंग व्यवस्था बिगड़ गई थी. जिसे दुरूस्त करा लिया गया है. बबलू दूबे को पेशी के लिए कोर्ट भेजना जरूरी था.
कदम-कदम पर सुरक्षा में हुई चूक : बबलू दूबे की हत्या कर अपराधी यूं ही फरार नहीं हो गये. बल्कि यह सीधे तौर पर पुलिस की चूक का नतीजा था. कदम-कदम पर पुलिस ने सुरक्षा में चूक किया. लिहाजा यह वारदात घटित हुआ. गुरुवार को जिस बबलू दूबे की दिनदहाड़े हत्या हुई वह 4-1 की विशेष सुरक्षा में था. यानि उसकी सुरक्षा में चार राइफलधारी जवान व एक दारोगा तैनात था.
इतना ही नहीं जिस स्थान पर यह घटना हुई, वह परिसर भी पुलिस की कड़ी सुरक्षा की निगरानी में था. बावजूद इसके बबलू को गोलियों से भून भाग जाना सीधे तौर पर पुलिसिया सुरक्षा, सक्रियता व क्राइम कंट्रोल के तरीकों की पोल खोल रही है.
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