बेतिया : जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के दिवंगत हुए नौतन के प्रखंड अध्यक्ष हीरालाल साह जन-जन के मददगार थे और उन्होंने कांग्रेस के संगठन को गांव स्तर तक मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनके निधन से कांग्रेस पार्टी को भारी क्षति पहुंची है. श्री शर्मा नगर के केदार आश्रम तिलक मैदान के सभागार में मंगलवार को नौतन प्रखंड के फुलियाखाड़ निवासी एवं प्रखंड अध्यक्ष रहे हीरालाल के निधन पर आयोजित शोक सभा में अपनी संवेदना प्रकट कर रहे थे.
उन्होंने उनके तैलीय चित्र पर माल्यार्पण किया और इस दौरान दो मिनट का मौन व्रत रखा गया. इसके बाद कांग्रेस के कई नेताओं और वक्ताओं ने उनके जीवनी पर प्रकाश डाला तथा कांग्रेस का एक कर्मठ एवं सच्चा सिपाही बताया. मौके पर वेद प्रकाश दुबे, शिवरतन यादव, म. हसन, रवींद्र राय, म. शाहीद, वकीलुर्ररहमान खान, म. शाहीद, नीतेश पाठक, फैयाज अहमद, महमूद आलम खान, अधिवक्ता म. इस्तेयाक, ओम प्रकाश प्रसाद, विनय कुमार शाही, नेहाल अहमद सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने शोक संवेदना प्रकट की और अपने विचार रखे.
समृद्ध है अपना बिहार, कुछ निखरा पर अभी और निखार की जरूरत
बिहार दिवस . प्रभात खबर कार्यालय में परिचर्चा में वक्ताओं ने व्यक्त किये विचार
आज बिहारियों के लिए गर्व का दिन है. हम 105 साल के हो चुके बिहार में प्रवेश कर रहे हैं. सरकार इसे मद्य निषेध अभियान व चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष को समर्पित कर रही है. इसको पर प्रभात खबर की ओर से आयोजित परिचर्चा में वक्ताओं के विचार कुछ ऐसे रहे.
बेतिया : अमूमन किसी क्षेत्र, इलाका व राज्य में मौजूद फाइव स्टॉर होटल, बेहतरीन प्राइवेट स्कूल,
हॉस्पिटल ही आज के दौर वहां के विकास की पैमाना बन गयी है. विकास का यह पैमाना कुछ हद तक हो सकता है, इसे बिल्कुल नकारा नहीं जा सकता. लेकिन यह तब तक अधूरा है, जबतक उस राज्य, क्षेत्र व इलाके की साक्षरता, शिक्षा दर, विकास दर, जीडीपी, जनचेतना आदि को इसमें जोड़ा नहीं जाय. विकास का पैमाना उस राज्य में किस गति से विकास हो रही है, उस पर निर्भर करती है. इसमें नि:संदेह बिहार आगे बढ़ रहा है. अपना बिहार तो पहले से सांस्कृतिक, ऐतिहासिक स्तर से समृद्ध रहा है. इसमें काफी हद तक निखार आयी है, लेकिन अभी और निखार की जरूरत है.
मंगलवार को ‘प्रभात खबर’ कार्यालय में बिहार दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित परिचर्चा में वक्ताओं के विचार कुछ यूं ही थे. बिहार.. आगे ही राह पर विषय पर आयोजित इस परिचर्चा में वक्ताओं ने जहां बदलते और बढ़ते बिहार की खूबियों को सराहना की, वहीं कमियों पर भी बेबाकी से अपनी राय रखी. कहा कि बिहार का स्वरूप बदला है.
विकास की रौशनी फैली है. कई स्तरों पर बिहार का नाम अंतरराष्ट्रीय फलक तक पहुंचा है. यह बदलते बिहार की दास्तां ही तो है कि बिहार ने मद्य निषेध, मानव शृंखला जैसे कार्य जनचेतना के सहारे कर दिया. यह बिहारियों की क्षमता दर्शाती है और बदलते बिहार में उनकी भागीदारी भी बताती है.
परिचर्चा में वक्ताओं ने स्थानीय स्तर पर होने वाली कमियों को उजागर किया और सलाह दी कि सरकार को इसपर एक्शन लेने होंगे. परिचर्चा में मौजूद भले ही वक्ताओं के विचार भिन्न थे, लेकिन अपना बिहार बदला है, बिहार में विकास हुई है. इसपर सभी के राय एक जैसे थे.
बदलाव के लिए शिक्षा जरूरी
विकास के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है. बिना शिक्षित समाज के विकास समाज की परिकल्पना ही बेमानी है. समाज शिक्षित होगी तो खुद द खुद बदलाव आयेगा. बिजनेस, चरित्र, मनोबल, राष्ट्रीयता सभी शिक्षा पर निर्भर है. बेतिया में आज शिक्षा व स्वास्थ्य की जो दशा है, उसपर सरकार नहीं यहां के जनप्रतिनिधि जिम्मेवार हैं.
ठाकुर प्रसाद त्यागी, जेपी आंदोलन सेनानी
विकास में युवाओं की भागीदारी जरूरी
राज्य तब तक चहुमुखी विकास नहीं कर सकता है, जब तक वहां के लोगों की उसमें भागीदारी नहीं हो. आज का युवा शिक्षित और सशक्त है साथ ही विकास में भागीदारी के लिए उत्साही. व्यवस्थाएं इस नजरअंदाज नहीं कर सकती है. युवाओं की भागीदारी से विकास की बेहतर परिकल्पना की जा सकती है. बेतिया अतिक्रमण से त्रस्त है. सरकार के साथ हमारी भी जिम्मेवारी बनती है कि हम इस समस्या के निदान के लिए आगे बढ़े.
रमन गुप्ता, युवा
सरकारी महकमों में हो सुधार
बिहार में वैसे तो काफी बदलाव आया है. कई स्तरों पर बिहार में बदलाव आया है. लेकिन, आम जन अभी भी परेशान है. खासकर सरकारी महकमों में गरीबों का शोषण हो रहा है. घोटाला व भ्रष्टाचार के कई मामले आये हैं, जो बिहार की साख पर कहीं न कहीं बट्ठा लगा रही हैं.
विनय कुमार, हिन्दूवादी नेता
बदलाव के प्रति आमजन भी हुए उन्मुख
पिछले कुछ वर्षों में निश्चित तौर पर बिहार का स्वरूप बदला है. विकास की रौशनी फैली है. यह दर्शाता है कि निश्चित तौर पर जनता भी जागरूक हुई है. सरकार के साथ जनता भी बदलाव के प्रति सकारात्मक हुई है. बिहार और आगे बढ़े इसके लिए हमे अपने भौगोलिक अधिकारों के साथ कर्तव्यों पर भी ध्यान देना चाहिए.जगमोहन कुमार, युवा साहित्यकार
बालिका शिक्षा में बिहार उदाहरण
बिहार में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय बदलाव आया है. खासकर बालिका शिक्षा के मामले में बिहार ने काफी प्रगति की है. वहीं बालिका शिक्षा को लेकर सरकार की ओर से चलायी गयी योजनाओं की सफलता भी बयां करती है. नतीजा आज लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों से आगे निकल रही हैं.
रविकांत झा, शिक्षक
सुरक्षा मिली, यही बदलाव का बेहतर उदाहरण
बिहार में आज सुरक्षा का माहौल है. व्यवसायी बिना डेर अपना व्यवसाय कर रहे हैं. व्यवसायियों का पलायन रूका है. क्या यह बदलाव अपने बदलते बिहार को दर्शाने के लिए काफी नहीं है. बिहार दिवस पर हम सभी को संकल्प लेना होगा कि विकसित बिहार में हम भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें. एकजुटता का परिचय देकर साफ-सफाई के प्रति गंभीर बने.
राजेश झुनझुनवाला, व्यवसायी