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3.12 लाख किराया बकाया िजला परिषद . डाकबंगले पर अफसरों का कब्जा

बेतिया : जिला परिषद के डाकबंगला भी कब्जे की जद में हैं. इनपर कब्जा कोई और नहीं, बल्कि अफसरों ने किया है. वह भी अवैध रूप से. इतना ही नहीं डाकबंगलों पर कब्जा जमाने वाले अफसरों ने इसका किराया भी चुकता नहीं किया है. इससे जिला परिषद को घाटा हो रही है. यह हम नहीं […]

बेतिया : जिला परिषद के डाकबंगला भी कब्जे की जद में हैं. इनपर कब्जा कोई और नहीं, बल्कि अफसरों ने किया है. वह भी अवैध रूप से. इतना ही नहीं डाकबंगलों पर कब्जा जमाने वाले अफसरों ने इसका किराया भी चुकता नहीं किया है. इससे जिला परिषद को घाटा हो रही है. यह हम नहीं कह रहे हैं कि बल्कि महालेखाकार की आॅडिट रिपोर्ट यह दर्शा रही है. खुलासा हुआ है कि जिला परिषद के तीन डाकबंगलों पर जिन पदाधिकारियों का कब्जा हैं, उसमें खुद उप विकास आयुक्त भी शामिल हैं. जिनपर किराये के मद का 1. 85 लाख रुपये बाकी है. महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट तसदीक करती है कि जिले में जिला परिषद के तीन डाकबंगला हैं, जो चालू हालत में हैं. मौजूदा समय में इनका प्रयोग सरकारी पदाधिकारी या तो अपने आवास के रूप में कर रहे हैं या फिर कार्यालय चलाते हैं. इसके एवज में किराया भी भुगतान नहीं किया जाता है.

229 दुकानदारों ने दबाये बैठे हैं 21.85 लाख
डाक बंगलों के अलावे जिले में जिला परिषद की 229 दुकानें हैं, जिन्हें किराये पर जिला परिषद की ओर से दी गयी है. ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इन दुकानों पर 31 मार्च तक किराया मद को 21.85 लाख रुपया बकाया है. जिसे वसूल नहीं किया गया है.
िकराया बाजार दर से काफी कम
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसका किराया बाजार दर से काफी कम है. इससे जिला परिषद को घाटा हो रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, नरकटियागंज निरीक्षण भवन के तीन कमरों में एसडीएम रहते हैं, जिनपर किराये का 1.27 लाख रुपये बाकी है. बेतिया प्रक्रम भवन के चार कमरों में उपविकास आयुक्त का आवास है. वहीं बगहा निरीक्षण भवन में पुलिस पदाधिकारी रहते हैं.
नरकटियागंज एसडीएम व बगहा पुलिस भी जिला परिषद के अवैध कब्जाधारकों की सूची में, जिप को हो रहा घाटा
महालेखाकार की ऑडिट से खुलासा
ऑडिट रिपोर्ट में यह भी मिला : महालेखाकार की ओर से जारी ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, बेतिया के लालबाजार स्थित ग्लोबल एजेंसी से 2.41 लाख रुपये के सामानों की खरीद में वैट कटौती नहीं होने पर महालेखाकार ने आपत्ति दर्ज की है. इसके अलावे जिला परिषद की दुकानों से सेवा कर की वसूली, सैरातों की बंदोबस्ती नहीं होने से जिप को 2.08 लाख का घाटा और
जिला परिषद में तैनात आयुर्वेदिक चिकित्सक जवाहर लाल दूबे, रामेश्वर मिश्र, रविंद्र नाथ पाल, शिव कुमार दूबे की सेवा राज्य सरकार को समर्पित नहीं किये जाने पर महालेखाकार ने इनके वेतन मद में हुए 16.98 लाख पर आपत्ति दर्ज की है.

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