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मैट्रिक प्रशिक्षित शिक्षकों के वित्तीय उन्नयन में न बनें बाधक

बेतिया : राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालयों मे कार्यरत मैट्रिक प्रशिक्षित शिक्षकों को 12 वर्ष की सेवा पूरी होने पर प्रथम तथा उसके मूल ग्रेड मे 24 वर्ष की संतोष जनक सेवा पूरी होने पर द्वितीय वित्तीय उन्नयन का लाभ देने का निर्देश निदेशक प्राथमिक शिक्षा एम रामचन्द्रुडू ने दिया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्रेषित पत्र […]

बेतिया : राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालयों मे कार्यरत मैट्रिक प्रशिक्षित शिक्षकों को 12 वर्ष की सेवा पूरी होने पर प्रथम तथा उसके मूल ग्रेड मे 24 वर्ष की संतोष जनक सेवा पूरी होने पर द्वितीय वित्तीय उन्नयन का लाभ देने का निर्देश निदेशक प्राथमिक शिक्षा एम रामचन्द्रुडू ने दिया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्रेषित पत्र मे निदेशक ने स्पष्ट किया है

कि प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली 2011 के निहित प्रावधानों के तहत मैट्रिक प्रशिक्षित सभी शिक्षकों को 12 व 24 वर्षों की सेवा के बाद क्रमश: प्रथम व द्वितीय वित्तीय उन्नयन का प्रावधान है. इसके लिए आरक्षण रोस्टर आवश्यक नहीं है.

बावजूद इसके कई जिलों से शिक्षक प्रोन्नति नियमावली के प्रावधानों के आलोक मे सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र का हवाला देकर वित्तीय उन्नयन का लाभ नहीं दिया जा रहा है. जो कि उचित नहीं है. निदेशक ने डीईओ को संबोधित शिक्षकों को प्रोन्नति नियमावली 2011 के तहत वित्तीय उन्नय की स्वीकृति नियमानुसार ससमय देने का आदेश दिया है.

पत्र मे निदेशक ने स्पष्ट किया है कि राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली 1993 के निहित प्रावधानों के तहत मैट्रिक प्रशिक्षित शिक्षक जिनकी योग्यता स्नात्तक है उनको वरीय वेतनमान प्राप्ति तिथि से 12 वर्ष तथा जिनकी योग्यता स्नात्तक नहीं है उन्हें वरीय वेतनमान प्राप्ति तिथि से 18 वर्ष के उपरांत वरीयता व रोस्टर वरीय वेतनमान मे कार्यरत 20 फीसदी शिक्षकों को प्रवरण वेतनमान की सुविधा देय है. इसमें आरक्षण रोस्टर शामिल होने की वजह सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने पत्रांक 11218 के द्वारा प्रोन्नति पर रोक लगाया है. लिहाजा ऐसे शिक्षकों की वर्तमान मे प्रोन्नति संभव नहीं है. इस मामले मे रोक हटने के बाद ही अग्रेतर कार्रवाई संभव है. तत्काल इस मामले मे प्रवरण वेतनमान पद पर चिन्हित करने व वरीयता सूची तैयार करने की कार्रवाई की जा सकती है.

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