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नागपंचमी आज : काल सर्प दोष से मिलेगी मुक्ति
सांपों के संरक्षण का पर्व है नाग पंचमी, उनके व्यवसायीकरण पर लगे रोक बगहा : इस वर्ष नाग पंचमी बुधवार को है. नाग वर्ण वाली भूमि पर गृह निर्माण कराने का अद्भुत योग है. वैसे घर में नाग देवता के साथ भगवान शिव की पूजा से सारी मनोकामना पूर्ण होगी. छात्रों के लिए यह नाग […]
सांपों के संरक्षण का पर्व है नाग पंचमी, उनके व्यवसायीकरण पर लगे रोक
बगहा : इस वर्ष नाग पंचमी बुधवार को है. नाग वर्ण वाली भूमि पर गृह निर्माण कराने का अद्भुत योग है. वैसे घर में नाग देवता के साथ भगवान शिव की पूजा से सारी मनोकामना पूर्ण होगी. छात्रों के लिए यह नाग पंचमी अति फलदायी है. इस दिन पूजा करने से स्मरण शक्ति में वृद्धि होगी.
हालांकि नाग पंचमी की तैयारी यहां अंतिम चरण में है. महिलाएं घरों की साफ-सफाई कर चुकी है. 19 अगस्त (बुधवार) को नाग पंचमी मनाया जायेगा. धर्म ग्रंथों के अनुसार श्रवण शुक्ल पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस पर्व पर नाग देवता की पूजा की जाती है. वैसे तो नाग मंदिरों में भी पूजा अर्चना करने की मान्यता है. इस लिए श्रद्धालु शिव मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भी इस दिन श्रद्धा व भक्ति से नागदेवता की पूजन करता है उसे व उसके परिवार को कभी भी सर्प भय नहीं होता.
ऐसे करें नाग देवता की पूजा
आचार्य पं. आशुतोष द्विवेदी के मुताबिक नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्मों से निवृत होकर सबसे पहले भगवान शंकर का ध्यान करें . इसके बाद नाग देवता की पूजा विधि-विधान के साथ करें. गाय के गोबर से नाग – नागिन बना कर पूजा करने की परंपरा है. उस परंपरा का विधि – विधान के साथ पालन करें. संभव हो तो नाग-नागिन के जोड़े की प्रतिमा सोने, चांदी या तांबे में बनवायें और नाग पंचमी के दिन उसकी पूजा करें.
काल सर्प दोष से मिलेगी मुक्ति
ज्योतिषाचार्य पं. शुक्ल बताते हैं कि विज्ञान के मुताबिक छाया ग्रह राहु और केतु के कारण कुंडली में बने कालसर्प योग के शुभ होने पर जीवन में सुख मिलता है, किंतु इसके बुरे असर से व्यक्ति जीवन भर परेशानियों से जूझता रहता है. इस नाग पंचमी में काल सर्प दोष से भी मुक्ति मिल सकती है.
राहु और केतु को पाप ग्रह माना गया है. काल सर्प योग में ये ग्रह विपरित भाव व राशियों में होते हैं, जिससे ये अन्य ग्रहों के शुभ फलों में भी बाधा डालते हैं.
नागपंचमी कालसर्प दोष शांति की अचूक घड़ी मानी जाती है. इसमें संकटमोचन और भगवान शिव की पूजा सबसे सही मानी जाती है. इसलिए कालसर्प दोष शांति के लिए नागपंचमी को बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए. कालसर्प दोष से बचाव के लिए नागों के देवता भगवान शिव की आराधना सबसे श्रेष्ठ उपाय है.
पुराणों में कहा गया है कि भगवान श्री कृष्ण ने कालिया नाग का मद चूर किया था. इसलिए इस दोष शांति के लिए भगवान श्रीकृष्ण की आराधना भी श्रेष्ठ है. श्री गणोश को विघAहर्ता है, इसलिए कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए गणोश पूजा भी करनी चाहिए. कालसर्प योग बनाने वाले जातक राहु और केतु का जप कर भी काल सर्प दोष से मुक्ति पा सकते हैं.
सांप पकड़ने वाले को जेल का प्रावधान
सांप एक ऐसा जीव, जिसे देखकर मन घबराता है और रोमांच सिर पर हावी हो जाता है. वह जहरीला न हो, तो भी डर लगता है. सांप जिसे लेकर कई किस्से, कई कहानियां और कई मुहावरे गढ़े जा चुके हैं. ऐसा भी कहा जाता कि सांप, इंसान से डरता है और इंसान सांप से.
हालांकि धार्मिक महत्व वाले इन सांपों के साथ अत्याचार भी हो रहा है. वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के जंगल में कई प्रजाति के सांप है. लेकिन कभी – कभार इन पर तस्करों की नजर पड़ जाती है. वे सांप को पकड़ लेते हैं. बीते दिनों वाल्मीकि नगर में सांप के साथ एक तस्कर पकड़ा गया था. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जंगल से सांप को पकड़ना कानूनी अपराध है. टाइगर रिजर्व के जंगल से सांप को पकड़ने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है.
इको सिस्टम की मजबूत कड़ी सांप
किट विद् डा आर के सिंह का कहना है कि यूं तो नागपंचमी को सिर्फ धार्मिक नजरिए से देखा जाता है, लेकिन इसकी अपनी वैज्ञानिक अहमियत भी है. सांप को इको सिस्टम की सबसे मजबूत कड़ी माना जाता है.
सांपों को किसानों का मित्र भी कहा जाता है. सांप चूहे, कीड़े-मकोड़ों, छिपकलियों को खाता है, जिसके कारण इको सिस्टम मजबूत रहता है. माना जाता है कि जुलाई-अगस्त में सांपों का प्रजनन होता है, इस कारण इनकी संख्या अधिक होती है. भय के कारण लोग इसे मार देते है.
लेकिन बदलते दौर में इसका व्यवसायीकरण हो गया और इको सिस्टम गड़बड़ाने लगा. अब हमें इस बात पर गौर करना होगा कि सांपों का वजूद न केवल धार्मिक है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.
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