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शिक्षक के बिना पढ़ाई करेंगे विज्ञान के छात्र
बेतिया : इंटर मीडिएट विज्ञान संकाय की पढ़ाई का सपना पाल रहे छात्रों पर यह साल भी भारी गुजरने वाला है. पिछले साल की भांति इस साल भी विज्ञान के छात्रों को बिना गुरू के ही ज्ञान प्राप्त करना होगा. विज्ञान की पढ़ाई और परीक्षा भाग्य भरोसे ही होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि नियोजन प्रक्रिया में […]
बेतिया : इंटर मीडिएट विज्ञान संकाय की पढ़ाई का सपना पाल रहे छात्रों पर यह साल भी भारी गुजरने वाला है. पिछले साल की भांति इस साल भी विज्ञान के छात्रों को बिना गुरू के ही ज्ञान प्राप्त करना होगा. विज्ञान की पढ़ाई और परीक्षा भाग्य भरोसे ही होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि नियोजन प्रक्रिया में विज्ञान संकाय के लिए दस फीसदी अभ्यर्थियों ने भी आवेदन नहीं किया है.
भौतिकी और गणित विषय के तो एक भी आवेदन नहीं आया है. लिहाजा यह पद नियोजन प्रक्रिया के बाद भी खाली रहना तय है.
बहाली शर्त बना पेच, ढूंढे नहीं मिल रहे गुरुजी
तमाम प्रयासों के बाद भी विज्ञान शिक्षकों के पद भरने की उम्मीद दिखायी नहीं पड़ रही. विज्ञान वर्ग के गुरुजी ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. विशेषज्ञ का मानना है कि बहाली शर्त ही पेच बनी हुई है. शर्त यह है कि आवेदित अभ्यर्थी संबंधित विषय में प्रशिक्षित हो और एसटीइटी पास हो. लिहाजा विज्ञान विषय में शिक्षक नहीं मिल रहे हैं और आवेदन नहीं आया है.
तो कोचिंग के भरोसे विज्ञान की पढ़ाई
सूबे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का सरकार दावा कर रही है. हाई स्कूलों को अपग्रेड कर प्लस टू बनाया जा रहा है. लेकिन इन स्कूलों में आखिर पढ़ायेगा कौन इस पर किसी का ध्यान नहीं है. मतलब साफ है बिहार में उच्च शिक्षा को जो ट्रेंड चल रहा है. वह अब प्लस टू में भी लागू होने वाला है. महाविद्यालयों की तरह अब प्लस टू में भी एडमिशन, रजिस्ट्रेशन व एग्जामिनेशन का ही ट्रेंड लागू होगा. बच्चे नामांकन तो जरूर कारायेगें. लेकिन उन्हें पढ़ाने वाला कोई नहीं होगा. हां निजी ट्यूशन व कोचिंग वालों की चांदी जरूर रहेगी.
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