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विश्व रक्तदान दिवस आज . रक्तदान में सरकारी विभागों से अधिक गैर-सरकारी संगठनों की पहल हो रही है कारगर

बेतिया : जिले में रक्दान दिवस पर सरकारी पहल से अधिक गैर सरकारी व स्वयंसेवी संगठनों की कार्यक्रमों की भूमिका सराहनीय है. यहां रक्तदान में गैरसरकारी संगठनों की सक्रियता से जरूरतमंदों की जिंदगी बचायी जा रही है. वैसे रक्त अधिकोष तो यहां है और इसके माध्यम से लोगों को लाभ भी पहुंच रहा है. लेकिन इसे आधुनिक संसाधनों से लैस करने की जरूरत बतायी जा रही है.
विश्व रक्तदान के अवसर पर एक माह तक पखवाड़ा मनाया जाता है. एसएसबी नरकटियागंज की ओर से आवेदन दिया गया है कि आगामी पहली जुलाई को यहां रक्तदान शिविर का आयोजन नरकटियागंज में किया जायेगा़ इसके अलावा प्रतिवर्ष विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल समेत अन्य कई स्वयंसेवी संगठनों तथा गैर राजनीतिक व राजनीतिक दलों की ओर से भी समय-समय पर रक्तदान शिविरों के आयोजन होते हैं.
वैसे रेड क्रॉस की ओर से रक्तदान के लिए जागरुता अभियान चलाया जाता है़ इस दौरान समाज के लोगों को रक्तदान करने के लिए जागरुक की जाती है. वैसे वर्तमान में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह एमजेके अस्पताल स्थित रक्त अधिकोष में 60 यूनिट रक्त उपलब्ध है़ रक्त अधिकोष के आंकड़े पर गौर करें तो इसके माध्यम से 154 लोगों को रक्त मई माह में दिया गया है. जबकि रक्त अधिकोष में 160 लोगों ने चालू मई माह में रक्तदान किया गया है़
हालांकि रक्तदान दिवस के मौके पर किसी तरह के सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन तो नहीं होता. लेकिन इस दिन रेडक्रास के माध्यम से रक्तदान के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है. रेडक्रास के सचिव जगमोहन कुमार ने बताया कि रक्तदान जागरूकता अभियान के लिए रेडक्रास के माध्यम से फंड की व्यवस्था की जाती है. जिले के रक्त अधिकोष की वर्तमान क्षमता 1200 यूनिट की है. हालांकि जिले की लगभग चालीस लाख की आबादी के हिसाब से यह यूनिट पर्याप्त नहीं है.
साथ ही यहां वैज्ञानिक युग की अन्य आधुनिक सुविधाओं की भी जरूरत है. वैसे रक्त अधिकोष में क्षमता के अनुरूप एक एसी की सख्त जरूरत है. ताकि रक्त को संरक्षित करने में सहुलियत हो सके.
कई जांच घरों में होता है रक्त बेचने का अवैध कार्य : नगर के अस्पताल रोड में कई ऐसे जांच घर हैं जहां अवैध तरीके से रक्त बेचने का काम होता है. यहां प्राइवेट कुछ नशेबाज भी रक्त देते हैं और कमीशन के बलबूते यहां अवैध रक्त बेचने का गोरखधंधा फल फूल रहा है. हालांकि जिंदगी से जुड़े इस कारोबार पर रोक लगाने की पहल आज तक किसी स्तर से नहीं हो सकी है. ऐसे रक्तदाताओं की संख्या करीब दर्जनभर से ज्यादा बतायी जाती है. इनमें से कई ऐसे भी है जो बेरोगजारी मिटाने के लिए रक्त बेचने का कार्य करते हैं.
रक्तदान में संत निरंकारी मंडल की पहल सराहनीय : संत निरंकारी मंडल एक ऐसा संगठन है जो प्रतिवर्ष रक्तदान शिविर के माध्यम से रक्त अधिकोष में रक्त दान करते हैं. इसके लिए ये प्रतिवर्ष रक्तदान शिविर का आयोजन करते हैं. संत निरंकारी मंडल के जिला संयोजक सह को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन भगवती प्रसाद ने बताया कि यहां वर्ष 2010 से लगातार रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता है और प्रतिवर्ष 140 से 200 यूनिट रक्तदान किया जाता है.
इनके मंडल का उद्देश्य मानवता की रक्षा करना तथा जरूरतमंदों की जिंदगी बचाना है. यहीं कारण है कि संत निरंकारी मंडल के सदस्य इसके प्रति पूर्व से ही तैयार रहते हैं और शिविर के आयोजन का इंतजार करते हैं.

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