जम्मू /श्रीनगर : कश्मीर के पंपोर में शनिवार को आतंकियों ने एक बार फिर सेना के काफिले को निशाना बनाया. हमले में सेना के तीन जवान शहीद हो गये. जबकि दो जवान घायल हो गये. शहीदों में एक बिहार के मोतिहारी का भी जवान है. वारदात को अंजाम देने के बाद भीड़ का फायदा उठाकर आतंकी फरार हो गये. धरपकड़ के लिए सेना ने सर्च आॅपरेशन चलाया, जो देर रात तक जारी रहा. अभी तक किसी भी संगठन ने हमलेकी जिम्मेदारी नहीं ली है. वैसे लश्कर पर शक है.
सेना का काफिला जम्मू से श्रीनगर आ रहा था. आतंकियों ने दोपहर तीन बजे के आसपास पुलवामा जिले के पंपोर टाउन में कदलाबाल में निशाना बनाया. मोटरसाइकिल सवार तीन आतंकियों ने काफिले पर ताबड़तोड़ फायरिंग की. मौके पर आम लोगों की मौजूदगी के चलते सेना के जवानों ने संयम बरता गया. यदि सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की होती, तो बड़ी संख्या में आम लाेग हताहत होते.
बाद में सेना के शीर्ष अफसर मौके पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया. पंपोर में हमले से पहले भी आतंकियों ने घाटी में सुरक्षा बलों के काफिलों को निशाना बनाया है.इससेपहले श्रीनगर के पास जकूरा में 14 अक्तूबर को आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया था. इसमें एक जवान शहीद हो गया था, जबकि अाठ अन्य जवान घायल हुए थे. वहीं, 25 जून, 2016 को जम्मू -श्रीनगर हाइवे पर सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ था. इसमें आठ जवान शहीद हुए थे. दो आतंकी ढेर किये थे.
2013 में आर्मी में बहाल हुए थे शशिकांत
धनबाद/मोतिहारी. पंपोर में आंतकी हमले में शहीद तीन जवानों में एक मोतिहारी का बेटा शशिकांत पांडेय भी है. फिलहाल धनबाद के जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के जिय लगोरा पोस्टऑफिस के समीप रहने वाले राजेश्वर पांडेय के पुत्र शशिकांत पांडेय (21) भी शहीद हुए हैं. शशिकांत वर्ष 2013 में आर्मी में बहाल हुआ था. शशिकांत का बड़ा भाई श्रीकांत पांडेय सीआरपीएफ धनबाद के प्रधानखंटा में पोस्टेड हैं.
मूलत: बिहार के मोतिहारी जिले के गोविंदगंज थाना अंतर्गत बभनौली गांव के रहने वाले हैं. कश्मीर में सेना के वरीय अफसर ने राजेश्वर पांडेय को उनके पुत्र शशिकांत के शहीद होने की सूचना दी. शशिकांत की मां ललिता देवी शुक्रवार को ही पैतृक गांव मोतिहारी गयी हैं.