चहारदिवारी हादसा. एइएन ने जीआरपी में दर्ज करायी शिकायत
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संवेदक व मुंशी पर प्राथमिकी
चहारदिवारी हादसा. एइएन ने जीआरपी में दर्ज करायी शिकायत मोतिहारी रेलवे स्टेशन पर बुधवार को गिरी चहारदिवारी के मामले में संवेदक व मुंशी पर प्राथमिकी दर्ज की गयी. उधर, डीआरएम ने स्टेशन पहुंच हादसे की जानकारी ली. मोतिहारी : बापूधाम मोतिहारी रेलवे स्टेशन से सटे समपार संख्या 161 समीप नवनिर्मित चहारदीवारी गिरने की घटना में […]
मोतिहारी रेलवे स्टेशन पर बुधवार को गिरी चहारदिवारी के मामले में संवेदक व मुंशी पर प्राथमिकी दर्ज की गयी. उधर, डीआरएम ने स्टेशन पहुंच हादसे की जानकारी ली.
मोतिहारी : बापूधाम मोतिहारी रेलवे स्टेशन से सटे समपार संख्या 161 समीप नवनिर्मित चहारदीवारी गिरने की घटना में इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी सीनियर एइएन रंजीत कुमार राय की शिकायत पर मामले में निर्माण कार्य एजेंसी के मालिक एवं मुंशी के खिलाफ रेल थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
मामले में एइएन ने समस्तीपुर के काशीपुर निवासी संवेदक दिलीप कुमार एवं मुंशी अरुण कुमार पर कार्य में लापरवाही बरतने एवं निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए उनके दोनों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है. इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी ने आवेदन में बताया है
कि नवनिर्मित चहारदीवारी का गिरने का कारण गुणवत्ता में कमी है. बताया है कि निर्माण कार्य से संबंधित कार्यादेश संवेदक को डीआरएम/टीसी/912 के आलोक में 18 मार्च 2016 को दिया गया है. इधर मामले में रेल एसपी विरेंद्र नारायण झा ने गुरुवार को सप्तक्रांति एक्सप्रेस ट्रेन से बेतिया जाने के क्रम में जीआरपी थानाध्यक्ष से जानकारी ली और जांच कर प्राथमिकी दर्ज करते हुए अग्रतर कार्रवाई करने का आदेश दिया. वहीं, डीआरएम सुद्धांशु शर्मा ने भी स्टेशन पर गिरी चहारदीवारी का िनरीक्षण किया और अधिकािरयों को कई दिशा िनर्देश दिये.
मृतका पलक के परिजनों ने दिया आवेदन: रेलवे की दीवार गिरने की हादसे में दबकर बच्ची पलक की हुई मौत मामले में पलक के पिता मिथलेश पांडेय ने रेल थाना में प्राथमिकी दर्ज करने को आवेदन दिया है. डूमरियाघाट थाना के हुसैनी निवासी श्री पांडेय ने आवेदन में संवेदक को घटना का जिम्मेदार मानते हुए उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
मार्च लूट का परिणाम है हादसा
नवनिर्मित चहारदीवारी गिरना मार्च लूट का परिणाम है. निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग एवं गुणवत्ता की कमी के कारण चहारदीवारी गिर गयी. हादसे के बाद रेलवे इंजीनियरिंग विभाग भी मान रही है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया है. मामले में एइएन रंजीत कुमार राय ने जीआरपी थाना में दिये आवेदन में इसका जिक्र किया है. बताया है कि निर्माण कार्य एजेंसी को पांच फरवरी 2016 के स्वीकृति आलोक में 18 मार्च 2016 को प्रशासनिक कार्यादेश जारी किया गया है. जानकारों की माने तो निर्माण कार्य पूरा होने पर मार्च माह में ही कार्य मापी पुस्तिका की जेइ एवं आइओडब्लू ने बुक कर दिया और पैसा का भुगतान भी हो गया. अब जांच का विषय यह है कि जब 18 मार्च को कार्यादेश रेलवे से जारी हुआ. इसके मुताबिक शेष मार्च के 12 दिन में चहारदीवारी के निर्माण के साथ ही भुगतान की सारी प्रक्रिया पुरी हो गयी. जो जांच का विषय है.
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