56 सेंटरों में 201 विषयों की पढ़ाई का दावा
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सेंट्रल यूिनवर्सिटी की फरजी साइट पर चल रहे स्टडी सेंटर
56 सेंटरों में 201 विषयों की पढ़ाई का दावा मोतिहारी : महत्मा गांधी केंद्री विश्वविद्यालय की फरजी वेबसाइट पर प्रदेश के 56 संस्थानों में स्टडी सेंटर चलने का दावा किया गया है. साथ ही इन सेंटरों में 201 विषयों की पढ़ाई की बात भी वेबसाइट पर कही गयी है, जिन संस्थानों में स्टडी सेंटर खोलने […]
मोतिहारी : महत्मा गांधी केंद्री विश्वविद्यालय की फरजी वेबसाइट पर प्रदेश के 56 संस्थानों में स्टडी सेंटर चलने का दावा किया गया है. साथ ही इन सेंटरों में 201 विषयों की पढ़ाई की बात भी वेबसाइट पर कही गयी है, जिन संस्थानों में स्टडी सेंटर खोलने की बात कही गयी है,
उनमें कई नामी-गिरामी इंजीनियरिंग, मेडिकल व मैनेजमेंट संस्थान हैं. ये खुलासा वेबसाइट की जांच के दौरान हुआ है. मुफस्सिल थानाध्यक्ष सह जांच अधिकारी किशोरी चौधरी ने कहा कि जल्द ही मामले को खुलासा कर लिया जायेगा. वेबसाइट के युजीसी वेरिफिकेशन आप्सन में संस्थानों में स्टडी सेंटर चलने की लिस्ट है. इनमें मोतिहारी Âबाकी पेज 15 पर
सेंट्रल यूिनवर्सिटी की
इंजीनियरिंग कॉलेज व बेतिया मेडिकल कॉलेज से लेकर पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस सहित अन्य नामी-गिरामी संस्थान हैं. वेबसाइट महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिविर्सटी का बनाया गया है, लेकिन उस साइट पर एक ऐसा भी आप्सन है, जिस पर क्लिक करने पर एनजीओ सेंट्रल यूनिविर्सटी लिखा है. उसके युजीसी वेरिफिकेशन आप्सन में स्टडी सेंटरों में 201 सब्जेक्ट की पढ़ाई होने की बात कही गयी है. उसका आइडी नंबर बीआर/2016/0095004 है.
इसी में मुख्य कार्यकारी का नाम आरके दत्ता, चेयरमैन कृष्णा कांत, सचिव सोमराय कुमार का नाम लिखा है. वहीं पैरेंट ऑग्रेनाइजेसन में पॉल फाउंडेशन, रजिस्ट्रेशन वीथ में इंटरनेशनल ऑग्रेनाइजेशन व रजिस्ट्रेशन नंबर बी-4251368, सीटी रजिस्ट्रेशन बिहार व रजिस्ट्रेशन की तारीख एक अगस्त 2000 अंकित है.
फर्जी वेबसाइट पर नामी-गिरामी कॉलेज व सैकड़ों सब्जेक्ट का नाम देखने से इस बात को बल मिल रहा है कि इस वेबसाइट को बनाने में शिक्षा विभाग के माफियाओं की मिली भगत है. हालांकि पुलिस अपने स्तर से जांच-पड़ताल शुरू कर दी है. मुफिस्सल थाना फर्जी वेबसाइट पर अंकित फोन नंबर व मोबाइल नंबर के धारक पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. थानाध्यक्ष किशोरी चौधरी जांच पदाधिकारी है. उन्होंने कहा कि जांच में फर्जीवाड़े की जड़ तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.
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यहां स्टडी सेंटर चलने का दावा
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, हाजीपुर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना, आइआरआइएमइइ, जमालपुर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पटना, भागलपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, लोक नायक जयप्रकाश इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी छपरा, मुजफ्फरपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नालंदा कॉलेज ऑफ चंडी, एएन मगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, नालंदा मेडिकल कॉलेज ऑफ हॉस्पिटल सहित 59 कॉलेजों में स्टडी सेंटर चलने का दावा किया गया है.
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