भूमि के अभाव में नहीं हुआ पुल निर्माण
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समस्या. शहर को जोड़ने वाली बालगंगा धनौती नदी पर नहीं बन पायेगा पुल
भूमि के अभाव में नहीं हुआ पुल निर्माण शरहवासियों को बलुआ-रघुनाथपुर पुल पर लगने वाले जाम से मुक्ति नहीं मिल पायेगी. जाम की समस्या के समाधान के लिए बालगंगा धनौती नदी बनने वाले पुल का निर्माण भूमि अधिग्रहण नहीं होने के कारण अधर में लटक गया है. अधिकारियों के इस ओर से ध्यान नहीं देने […]
शरहवासियों को बलुआ-रघुनाथपुर पुल पर लगने वाले जाम से मुक्ति नहीं मिल पायेगी. जाम की समस्या के समाधान के लिए बालगंगा धनौती नदी बनने वाले पुल का निर्माण भूमि अधिग्रहण नहीं होने के कारण अधर में लटक गया है. अधिकारियों के इस ओर से ध्यान नहीं देने से कार्य में बाधा उत्पन्न हुई है.
मोतिहारी : शहर के बलुआ रेलवे गुमटी आरओबी निर्माण स्वीकृति के साथ राजाबाजार से एनसीसी कार्यालय होते हुए अरेराज पथ के बालगंगा के पास जोड़ने के लिए धनौती नदी पर पुल की स्वीकृति दी गयी थी. उद्देश्य था कि अरेराज से मोतिहारी आने वाले लोग रघुनाथपुर पुल के बजाय बालगंगा से मोतिहारी शहर में घुसेंगे और इसी रास्ते लौटेंगे,
ताकि बलुआ-रघुनाथपुर पुल पर लोगों को जाम से मुक्ति मिल सके. इसके लिए वर्ष 2010 में सर्वे भी हुुआ और करीब 55 करोड़ में आरओबी के साथ धनौती नदी पर पुल बनाने की स्वीकृति दी गयी. पुल सात पाया का 150 मीटर में बनाना था. अनुमान के अनुसार लागत खर्च करीब ढाई करोड़ बतायी गयी. इरिकॉन के अधिकारी शंकर सिंह ने बताया कि जिस समय सर्वे हुआ उस समय मकान उतना नहीं था, लेकिन अभी कई मकान बन गये हैं. ऐसे में पुल निर्माण का कार्य समय से हो पायेगा या नहीं. कहा नहीं जा सकता. इसके लिए वरीय अधिकारियों को भी लिखा गया है.
पुल बनने से होता फायदा
धनौती नदी पर पुल बन जाने से अरेराज से मोतिहारी आने वालों को रघुनाथपुर पुल पर जाम से मुक्ति मिल जाती. यहीं नहीं, बड़ी वाहन भी बलगंगा होते हुए शहर के बाहर से निकल जाते. पुल के नहीं बनने से रघुनाथपुर पुल पर आज भी सुबह और शाम में घंटों जाम की समस्या बनी रहती है. इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
बलुआ आरओबी पर अलग से लगा ट्रांसफार्मर
बलुआ आरओबी पर लगे स्ट्रीट लाइट को स्थाई रूप से जलाने के लिए अलग से ट्रांसफाॅर्मर लगाया गया है. इससे एक से दो दिनों में बिजली आपूर्ति आरंभ हो जायेगी और पूरी रात आपूर्ति रहने पर आरओबी पर अनवरत लाइट जलेगी. अभी एक दो स्ट्रीट लाइट ही जलते हैं. वह भी व्यस्त ट्राॅफिक के समय. विभाग के अनुसार एक वर्ष तक बिजली खर्च इरिकॉन कंपनी उठायेगी. उसके बाद संबंधित विभाग को हैंडओर कर दिया जायेगा. नाला निर्माण का कार्य भी दो माह में समाप्त हो जायेगा.
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