मोतिहारी : त्योहार करीब आते ही शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सिंथेटिक्स मिठाइयों का भरमार हो जाती है. व्यवसायी अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मनुष्य का जीवन खतरे में डाल देते है और धड़ल्ले से सिंथेटिक मिठाइयों का निर्माण कर बिक्री शुरू कर देते है.
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बाजार में सिंथेटिक मिठाइयों की भरमार
मोतिहारी : त्योहार करीब आते ही शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सिंथेटिक्स मिठाइयों का भरमार हो जाती है. व्यवसायी अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मनुष्य का जीवन खतरे में डाल देते है और धड़ल्ले से सिंथेटिक मिठाइयों का निर्माण कर बिक्री शुरू कर देते है. बताया जाता है कि शहर में नकली मिल्क केक, […]
बताया जाता है कि शहर में नकली मिल्क केक, डोडा बर्फी तथा नकली लड्डूओं का भरमार है. इसके अतिरिक्त मावा सेंथेंटिक्स से बने तमाम तरह की बर्फी बाजार में पटा है. वैसे में सावधानी पूर्वक एवं विश्वासनीय दुकानों से ही मिठाइयां खरीदना बेहतर होगा. प्लास्टिक दाना लड्डू भी बाजारो में है.
कहा से आता है मावा : बेसिकल भारी मात्रा में यह मावा सिंथेटिक उत्तर प्रदेश के गोरखपुर सहित कई जिलों से ट्रेन के माध्यम से मोतिहारी आता है. यह मावा बालुआ, राजाबाजार, स्टेशन स्थित टेलिफोन एक्सचेंज बंजरिया प्रजापति आश्रम, मीना बाजार तथा हेनरी बाजार में मावा धड़ल्ले से बिकता है. जहां से शहरी एवं ग्रामीण व्यवसायी खरीद कर ले जाते और मिठाइयों का निर्माण करते है, ये मिठाइयां इतनी स्वादिस्ट लगेंगे की आपको और खाने का जी करेगा.
कैसे बनती हैं मिठाइयां : मैदा, चीनी रिफाइन और दूध के पाउडर को मिला कर बनता है मिल्क केक. वहीं डोडा बर्फी चीनी मावा सभी मिठाइयों के कचरे से तैयार किया किया जाता है. वहीं लड्डू में चावल का आटा मिला कर बनाया जाता है. इसके अतिरिक्त मावा से निर्मित कई तरह की बर्फियों का निर्माण किया जाता है.
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