रक्सौल : बीते 31 दिनों से मधेशी मोर्चा के कार्यकर्ताओं के द्वारा भारत-नेपाल सीमा की गई आर्थिक नाकेबंदी से नेपाल के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. भारतीय सीमा से नेपाल में कोई समान नहीं जा रहा है.
जिसके कारण 15 दिन पूर्व ही निजी व सार्वजनिक वाहन बंद कर दिये गये. नेपाल के सबसे पर्व दशहरा में लोगों को न डीजल-पेट्रोल मिल सका और ना गैस. काठमांडू में लोग बिजली के हिटर पर खाना बनाने को विवश है तो बिजली की अनियमित आपूर्ति लोगों को परेशान कर रही है.
हिटर के दाम कई गुणा बढ़ गया है. दशहरा के दौरान मधेशी युवकों द्वारा भारतीय सीमा से मोटरसाइकिल की टंकी से तेल ले जाकर नेपाली क्षेत्र में जमा कर और उसे काठमांडू पहुंचाने का काम किया गया. तो काठमांडू में डीजल-पेट्रोल का दाम 500 से 600 रूपये लिटर तक बिकने लगा. उसमें भी चोरी छूपे. इधर भारतीय नंबर की गाड़ी को नेपाल में पेट्रोल ले जाया जाने लगा तो मधेशी आंदोलन के कार्यकर्ता कई इंडियन मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिये.
पिछले दो दिनों से मोटरसाइकिल की टंकी से स्मगल कर पेट्रोल ले जाने का धंधा भी बंद है. जिससे समस्या काफी बढ़ गया है और काठमांडू में रह रहे लोग काठमांडू से निकल नहीं पा रहे है. कुल मिलाकर नेपाल का आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है और खाने-पीने से लेकर हर तरह के समान के दामों में आग लग गई है.
पहाड़ी इलाके के लोगों का धैर्य अब जबाब देने लगा है. पहाड़ी लोग अब अपनी ही सरकार के विरूद्ध आंदोलन का मूड बनाने लगे है. इससे परेशानी बढ़ सकती है.