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चकिया पहुंचा लोक सांस्कृतिक रथ
चकिया : भोजपुरी भाषा में आई विकृति को मिटाने, इसे संवैधानिक भाषा का दर्जा दिलाने, बिहार भोजपुरी भाषा अकादमी को जीवंत कराने, विद्यालय विश्वविद्यालय में भोजपुरी भाषा का पठन -पाठन सुनिश्चि कराने, लोक कलाओं के संरक्षण हेतु महोत्सवों का आयोजन एवं भोजपुरी सिनेमा को प्रोत्साहित करने के लिए ऋण व अनुदान की मांग को लेकर […]
चकिया : भोजपुरी भाषा में आई विकृति को मिटाने, इसे संवैधानिक भाषा का दर्जा दिलाने, बिहार भोजपुरी भाषा अकादमी को जीवंत कराने, विद्यालय विश्वविद्यालय में भोजपुरी भाषा का पठन -पाठन सुनिश्चि कराने, लोक कलाओं के संरक्षण हेतु महोत्सवों का आयोजन एवं भोजपुरी सिनेमा को प्रोत्साहित करने के लिए ऋण व अनुदान की मांग को लेकर लोक सांस्कृति मोर्चा का 16 मार्च को सुगौली से चला सात दिवसीय लोक सांस्कृतिक रथ यात्रा आज शनिवार को चकिया पहुंचा.
रथ के साथ चल रहे मोर्चा के अध्यक्ष चंद्र भानू सिंह ने इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कि भोजपूरी के ईल गीत संगित ने इसे फूहड़ व बजारू बना दिया है. इसमें सर्वाधिक योगदान आर्के ष्ट्रा वालों की है. उन्होंने इनका बहिष्कार करने का जनता से आह्वान किया. इस अभियान में इसके साथ चल रहे सिकंदर ठाकुर सोनू पांडेय, सत्यनारायण यादव, विकास कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
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