नगर परिषद क्षेत्र में नामी बेनामी 311 एकड़ है जमीन
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नगर परिषद क्षेत्र में नामी बेनामी 311 एकड़ है जमीन मोतिहारी : शहर में नामी-बेनामी जमीन को विभागीय मिलीभगत से कब्जाने की होड़ मची है. दबंगई के बल पर कई जगह मकान बन गये है तो कई जगह ईंट की दीवार खड़ी कर ग्राहक के इंतजार में है भू-माफिया. ऐसी जमीन शहर में नगर परिषद, […]
मोतिहारी : शहर में नामी-बेनामी जमीन को विभागीय मिलीभगत से कब्जाने की होड़ मची है. दबंगई के बल पर कई जगह मकान बन गये है तो कई जगह ईंट की दीवार खड़ी कर ग्राहक के इंतजार में है भू-माफिया. ऐसी जमीन शहर में नगर परिषद, जिला परिषद और बेतिया राज की है. फिलवक्त हम जमीन के मामले में संपन्न और कब्जा के मामले में गरीब नगर परिषद की बात कर रहे है. नप गरीब इस मामले में है कि उसके पास संबंधित जमीन की कागजात कौन कहें लैंड रजिस्टर नहीं है. कहते हैं कि जमीन कब्जे व धंधे से जुड़े लोगों ने लैंड रजिस्टर गायब करवा दिया, जिसमें नप की जमीन सूचीबद्ध थी. अगर लैंड रजिस्टर व जमीन मिल जाय तो दुकान व कम्पलेक्स निर्माण से बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिलते. क्योंकि नप के पास 1880 के दशक में नामी-बेनामी करीब 311 एकड़ जमीन थी.
जिला परिषद की जमीन पर निर्मित था नगरपालिका : मिली जानकारी के अनुसार 1880 के दशक में जिप की भूमि पर नप की स्थापना हुई. कुछ भूमि बैनामा रजिस्ट्री द्वारा परिषद से प्राप्त की जो लैंड रजिस्टर में अंकित था, जिसे विभाग के ही कुछ कर्मियों ने नप की जमीन को कुछ लोगों के नाम पर कायम कर रसीद काट दी गयी. अब वैसे जमीन पर आलीशाम मकान हैं. लैंड रजिस्टर न होने से जमीन की तहकीकात भी संभव नहीं है. वैसे बाद के दिनों में जांच में 30 एकड़ जमीन चिन्हित हुई, जिसमें करीब छह एकड़ जमीन प के कब्जे में है. शेष 24 एकड़ जमीन भी लोगों के कब्जे में है.
शहर में नहर व पइन की 11 एकड़ जमीन : नगर परिषद और आस-पास के क्षेत्रों में सरकारी और अन्य जमीनों के अलावे नहर पईन व सड़क को भरकर अवैध ढ़ंग से मकान बना लिया गया है. इसमें केशरे हिंद नाला जानपुल के अलावे पइन 1.03 एकड़ नहर की जमीन 34 एकड़, पोखर की जमीन करीब 8.13 एकड़ है. कृषि विभाग की खाता दो को 22 बता जमीन निबंधन का मामला भी फाइलों में दबा है. विभाग ने खाता एक से 18 तक की जमीन को सरकारी बताते हुए जमीन निबंधन पर रोक लगा दी थी. बावजूद इसके निबंधन कर्मियों की मिलीभगत से कृषि विभाग छतौनी की जमीन बिक गयी.
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर परिषद की जमीन हर हाल में ढ़ूंढ़ कर निकाला जायेगा. अगर लैंड रजिस्टर गायब है तो अंचल और कलेक्ट्रेट स्थित अभिलेखागार से जमीन की खोज की जायेगी और नप की जमीन को अवैध कब्जा से मुक्त करा दुकान, मार्केट कम्पलेक्स आदि का निर्माण कराया जायेगा.
मनोज कुमार, इओ, नप मोतिहारी
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