बक्सर : कोरोना जैसे अति संक्रामक रोग के प्रकोप के दौरान आम लोगों में भय एवं चिंता का पैदा होना लाजिमी है. लेकिन ऐसे मुश्किल हालातों में लोगों को एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ मजबूती से लड़ने की भी जरूरत है. देश के कई इलाकों से कोविड-19 से पीड़ित, कोरोना वारियर एवं पुलिस के विरोध करने के कई मामले सामने आये हैं. यहां तक कि जो लोग कोविड-19 से उबर चुके हैं, उन्हें भी इस तरह के भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा, कुछ समुदायों और क्षेत्रों को विशुद्ध रूप से सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर फैल रही झूठी रिपोर्टों के आधार पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी की है.कोरोना वारियर प्रशंसा के हैं पात्र डॉक्टरों, नर्सों, और संबद्ध और स्वास्थ्य पेशेवरों सहित हेल्थकेयर कार्यकर्ता संकट की इस स्थिति में देखभाल और चिकित्सा व दैनिक सहायता प्रदान करने के लिए अपनी सेवाओं को अथक रूप से प्रदान कर रहे हैं. स्वच्छता कार्यकर्ता और पुलिस भी निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं और कोविड-19 संक्रमण से हमारी सुरक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
वे सभी हमारे समर्थन और प्रशंसा के पात्र हैं. संक्रमित के प्रति दुर्भावना नहीं रखें जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया यदि कोई कोरोना से संक्रमित होता है, तो यह उनकी गलती नहीं है. संकट की स्थिति में, रोगी और परिवार को सहायता और सहयोग की आवश्यकता होती है. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हालत ठीक है और ज्यादातर लोग इससे उबर जाते हैं. हालांकि कोविड-19 एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, जो तेजी से फैलती है और हम में से किसी को भी संक्रमित कर सकती है. लेकिन हम सामाजिक दूरी अपनाकर, नियमित रूप से हाथ को धोकर और खांसने और छींकने के शिष्टाचार का पालन कर खुद को संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं.
ये जरूर करें•
-आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले लोगों के प्रयासों की सराहना करें और उनके परिवारों के प्रति सहानभूति रखें.
-केवल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अन्य प्रमाणिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी ही कहीं साझा करें.
-सोशल मीडिया पर किसी भी संदेश को फॉरवर्ड करने से पहले विश्वसनीय स्रोतों से कोविड-19 से संबंधित जानकारी को जरूर क्रॉस चेक करें.
ये नहीं करें
-सोशल मीडिया पर कोरोना से प्रभावित या क्वारेंटिन में रह रहे या उनके इलाके के लोगों के नाम या पहचान न फैलाएं.
-हेल्थकेयर और सैनिटरी वर्कर्स या पुलिस को निशाना न बनाएं. वे वहां आपकी मदद करने के लिए हैं.
-उपचार में रह रहे लोगों को कोविड पीड़ित के रूप में संबोधित करने से बचें. उन्हें कोविड से ठीक होने वाले लोगों के रूप में संबोधित करें.
-आवश्यक सेवा प्रदाताओं और उनके परिवारों को लक्षित करना कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करेगा और पूरे देश के लिए गंभीर रूप से हानिकारक साबित हो सकता है.