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13.5 हजार को कूपन नहीं

लापरवाही. सर्वे ऐसा, जिसने छीन लिया गरीबों का निवाला खाद्य सुरक्षा योजना से जिले के गरीब परिवारों को दो वक्त का निवाला मिल जाता था. परंतु, हाल में जो सर्वे हुआ उससे जिले में हजारों परिवारों का नाम ही कट गया और राशन कूपन से वंचित हो गये. ऐसे में यदि जिला प्रशासन कोई पहल […]

लापरवाही. सर्वे ऐसा, जिसने छीन लिया गरीबों का निवाला

खाद्य सुरक्षा योजना से जिले के गरीब परिवारों को दो वक्त का निवाला मिल जाता था. परंतु, हाल में जो सर्वे हुआ उससे जिले में हजारों परिवारों का नाम ही कट गया और राशन कूपन से वंचित हो गये. ऐसे में यदि जिला प्रशासन कोई पहल नहीं किया, तो उन्हें फिर एक बार निवाले के लिए तड़पना पड़ सकता है.
बक्सर : खाद्य सुरक्षा योजना से मिलना वाला अनाज गरीब परिवारों के लिए एक बड़ा वरदान है. लेकिन, जिले में सर्वेयरों की लापरवाही कहें या साजिश, जिसके कारण जिले में 13.5 हजार परिवारों का नाम आपात श्रेणी में है, इन्हें राशन के लिए कूपन नहीं मिल पाया. जबकि 240 कार्ड काे रद्द कर दिया गया है. इस सर्वे पर आश्चर्य तब हो रहा है, जब झोंपड़ी में रहनेवाले परिवारों का नाम भी इस सूची से गायब है. ऐसे में सर्वेयरों की लापरवाही ने गरीबों का निवाला छीनने का काम किया है.
हालांकि, कुछ जगहों पर सर्वे में संपन्न परिवारों का नाम भी कटा है, जो सही है. लेकिन, गरीबों के नाम कटने पर इनमें आक्रोश भी पनप रहा है. उल्लेखनीय है कि राशन-केराेसिन से जुड़े परिवारों की संख्या जिले में करीब चार लाख है. जिनमें खाद्य सुरक्षा (पीएचएच) के लाभुक एक लाख 51 हजार हैं. लेकिन, इस बार पीएचएच के लाभुकों की कुछ संख्या कम हुई है.
घर झोंपड़ी का, फिर भी नहीं मिला कूपन : वार्ड नंबर 22 की रहनेवाली 45 वर्षीया कुरैसा बेगम दूसरे के शरीर को मालिश कर हर दिन घर का खर्च जुटाती हैं. दो बेटे हैं, जो मजदूरी करते हैं. ईंट से बने दो कमरेवाले पुराने मकान में रहती हैं. जैसे-तैसे घर परिवार चलता है. कुरैसा बताती हैं कि खाद्य सुरक्षा के तहत जो अनाज मिलता था, वह उनके परिवार के लिए एक बड़ा आर्थिक मदद था. कम- से- कम खाने के लिए अनाज की चिंता नहीं थी. पर अब नाम आपात श्रेणी में जाने से ये अनाज से भी वंचित हो गये हैं.
ऐसा हाल केवल कुरैसा बेगम का ही नहीं है, बल्कि इस वार्ड में रहनेवाली ऐसा खातून, दर्जी मुहल्ले की अकबरी खातून का भी है. सोहनी पट्टी की सुनीता देवी के लड़के बिस्कुट की फेरी करते हैं. सीता देवी के पति ठेला पर सब्जी बेचते हैं, इनका घर झोंपड़ी और मिट्टी की है. फिर भी सर्वे कैसे हुआ और नाम कैसे कट गये और इन्हें कूपन नहीं मिल पाया. यह आश्चर्य का विषय है. वार्ड नंबर 25 में तो 120 परिवारों की सूची में से 106 परिवारों को आपात श्रेणी में डाल दिया गया है.
क्या है खाद्य सुरक्षा योजना : योजना में गरीबों को दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल दिया जाता है. एक परिवार के प्रत्येक सदस्य को हर माह पांच किलो अनाज मिलता है.
17 हजार परिवार फिर होंगे कार्ड से वंचित : जिले में खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ ले रहे अभी 17 हजार परिवारों को और वंचित किया जायेगा. विभाग के अनुसार ये ऐसे परिवार हैं, जो सरकार द्वारा तय मानक को पूरा नहीं करते. यानी सरकार इन्हें गरीब परिवार नहीं मानती, जिसके कारण इनके कार्ड को रद्द किया जायेगा. इसकी जांच की प्रक्रिया नवंबर और दिसंबर में शुरू होगी. फिलहाल विभाग कूपन वितरण में लगा हुआ है.
240 परिवारों का रद्द हो गया कार्ड, लोगों में आक्रोश
विरोध में कार्ड लेकर खड़ीं महिलाएं.
इन बिंदुओं पर हुआ था सर्वे
तीन कमरे या उससे अधिक (पक्का) कंक्रीट छतयुक्त मकानवाली गृहस्थी जो स्वयं स्वामित्व में हो
गृहस्थी में दो पहिया वाहन, रेफ्रिजरेटर और वाशिंग मशीन तीनों हो
चार पहिया वाहन हो
परिवार का काेई सदस्य सरकारी सेवा में नहीं हो
परिवार के किसी सदस्य का नाम गैर कृषि उद्यम सरकार के अधीन निबंधित नहीं हो
परिवार का कोई सदस्य आयकर दाता नहीं हो
परिवार को कोई सदस्य पेशा कर दाता नहीं हो
परिवार को काई सदस्य 20 हजार प्रतिमाह आय अर्जित नहीं करता हो
लोगों की क्या है प्रतिक्रिया
शहर में आंगनबाड़ी सेविकाओं से सर्वे कराया गया है, जो काफी त्रुटिपूर्ण हुआ है. जिस तरह सर्वे हुआ है, उससे यह पता चलता है कि घर पर बैठ कर सर्वे का काम किया गया है. यह जांच का विषय है.
हैदर अली, वार्ड प्रतिनिधि, वार्ड नंबर-22
कांग्रेस ने इस योजना को गरीबों के हित में लागू किया था. लेकिन, जिस तरह इस योजना से गरीब परिवारों को वंचित किया गया है, उससे यह योजना अपने उद्देश्य को पूरा करने में विफल साबित हो जायेगी. ऐसे में सरकार को पूरा ध्यान देना होगा.
हर्षवर्धन, कांग्रेस जिलाध्यक्ष
सर्वे करनेवाले कुशल सर्वेयर नहीं थे. यह काम जिसको मिला था, उनमें से कई ने तो अपना काम दूसरे से कराया है, जिसके कारण ऐसा गलत सर्वे हुआ और कई गरीब परिवार इस योजना से वंचित हो गये हैं.
नंद गोपाल प्रसाद, लोक अभियोजक
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत कार्ड के लिए कराया गया सर्वे काफी दोषपूर्ण हैं. विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ है. इस लापरवाही से गरीब और मजदूर अब भूखों मरने को विवश हो जायेंगे.
मंजू वर्मा, वार्ड पार्षद, वार्ड नं-25
क्या कहते हैं पदाधिकारी
जिन परिवारों का नाम आपात श्रेणी में शामिल है, वे चिंतित न हो. अनुमंडल पदाधिकारी के पास एक आवेदन दें, जिसके बाद पुन: बीडीओ के द्वारा जांच होगी और शीघ्र ही उन्हें इसका लाभ दिया जायेगा.
शिशिर कुमार मिश्रा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी
एसडीओ के पास करना होगा आवेदन
फिलहाल जिले में खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत बने 240 कार्डों को रद्द किया गया है. जबकि करीब 13.5 हजार कार्ड को आपात श्रेणी में रखा गया है. यानी आपात श्रेणी के कार्डधारकों को इस साल कूपन नहीं मिला है. आपात श्रेणी के परिवार कार्ड व कूपन पाने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी के पास सरकार के मानक बिंदु के विरुद्ध शपथ पत्र दायर कर आपत्ति दर्ज करानी होगी. इसके बाद बीडीओ स्तर से जांच कर पुन: कार्ड जारी किया जायेगा.

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