मिली राहत. सूखे खेत हो गये गीले, धान की नर्सरी लगाने में होगी आसानी
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तेज आंधी व बारिश के बीच पड़े ओले
मिली राहत. सूखे खेत हो गये गीले, धान की नर्सरी लगाने में होगी आसानी सब्जी के साथ-साथ सूर्यमुखी और मूंग की फसल को मिला लाभ गरमा की जुताई करनेवाले नहीं जलाएं पुआल गरमी से मिली लोगों को राहत बक्सर : बक्सर जिला समेत आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार की रात हुई तेज आंधी और बारिश […]
सब्जी के साथ-साथ सूर्यमुखी और मूंग की फसल को मिला लाभ
गरमा की जुताई करनेवाले नहीं जलाएं पुआल
गरमी से मिली लोगों को राहत
बक्सर : बक्सर जिला समेत आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार की रात हुई तेज आंधी और बारिश के बाद लोगों ने जहां गरमी से राहत महसूस की. वहीं, खेतों को भी लाभ मिला है. आम के फल को तेज आंधी के कारण क्षति पहुंची और बड़ी संख्या में आम के टिकोले बरबाद हुए हैं. वहीं, खेतों में लगे सूर्यमुखी व मूंग के पौधे तथा अन्य पौधों को भी लाभ पहुंचा है. तापमान में चार से पांच डिग्री तक की गिरावट के बाद लोगों ने गरमी से राहत महसूस की है.
जिले में कहीं-कहीं ओले बरसने और कहीं-कहीं बूंदा बादी तक ही पानी के सीमित रह जाने से कई क्षेत्रों में किसानों में मायूसी भी देखने काे मिली. मिले आंकड़े के अनुसार बक्सर शहर में 11 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड हुई है, मगर जिले में बनाये गये वर्षा मापक स्थल पर कोई पानी नहीं बरसा, जिससे वर्षा का सही आकलन नहीं हो पाया.
ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा की रही अलग-अलग स्थिति : बक्सर के शहरी क्षेत्र में जहां तेज आंधी के साथ बारिश हुई और 11 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गयी. वहीं, डुमरांव में पानी तेज नहीं बरसा, बल्कि तेज हवा के साथ बूंदा बांदी होकर ही रह गया. ब्रह्मपुर प्रखंड में बुधवार की सुबह तेज बारिश हुई और करीब 15 मिनट तक तेज वर्षा से ग्रामीण क्षेत्र के निचले इलाके पानी में डूब गये. वहीं, चक्की प्रखंड में सुबह में हल्की बारिश हुई. जबकि राजपुर में आंधी आयी और पानी भी बरसा. पानी का असर करीब आधा घंटा तक रहा. वहीं, चौसा में मंगलवार की रात हल्की बारिश हुई, लेकिन तेज हवा और बिजली की कड़क वहां भी सुनायी पड़ी. चौगाईं प्रखंड में पानी मंगलवार की रात बरसा और आंधी भी आयी. जबकि सिमरी में मंगलवार की रात न सिर्फ पानी बरसा, बल्कि बर्फबारी भी हुई और नालों में भी बर्फ जम गये. निचले क्षेत्र में जलजमाव हो गया. इटाढ़ी प्रखंड में और नावानगर प्रखंड में तेज हवा ही बह कर ही रह गया.
बारिश से तापमान में पांच डिग्री तक हुई गिरावट दर्ज
शहर के निचले इलाके में जमा पानी, स्थिति हुई नारकीय
मौसम की पहली ही झमाझम बारिश में बरसात के बाद शहर के निचले इलाके में जलजमाव हो गया और स्थिति नारकीय हो गयी. रामरेखा घाट, आइटीआइ क्षेत्र समेत कई निचले क्षेत्रों में जलजमाव हो गया. नालों की सफाई नहीं होने से सड़क पर ही पानी जमा हो गया, जिसके कारण लोगों को बुधवार को दिन भर कीचड़ से गुजरना पड़ा.वहीं, शहरवासी नगर पर्षद की तैयारी पर गुस्सा कर रहे थे.
क्या कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारी
जिला कृषि पदाधिकारी राम गोविंद सिंह ने बताया कि वर्षा से किसानों को लाभ हुआ है, जो लोग धान की रोपनी की तैयारी कर रहे हैं उन्हें फायदा होगा और खेत को आसानी से तैयार कर सकेंगे. हालांकि तेज आंधी के कारण आम के फल को काफी नुकसान हुआ है.पिछले दिनों भी आयी आंधी से आम को नुकसान हुआ था.
क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक
कृषि वैज्ञानिक डॉ देवकरण और हरि गोविंद जायसवाल कहते हैं कि पानी से किसानों को फायदा होगा, जो खेत सूख गये थे उसमें गीलापन आ गया है. सब्जी की लगी फसल के साथ-साथ सूर्यमुखी और मूंग की फसल को भी पानी से लाभ मिला है. एक पटवन किसानों का बच जायेगा. कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि धान की नर्सरी जो लोग लगाना चाहते हैं उनके लिए अभी अच्छा मौका आ गया है. गरमा की जुताई के लिए किसान पुआल जलाये नहीं, बल्कि उसे खेतों में ही जुताई कर रहने दें. इससे फसल को लाभ मिलेगा.
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